सरकारों के दमन से अब किसान आंदोलन रुकने वाला नहीं है: आनन्द सिंह नेगी
संवाददाता जफर अंसारी
लालकुआं केन्द्र सरकार के किसान विरोधी कानून रद्द कराने के लिए सभी स्तरों पर संघर्ष तेज किया जाएगा।आंदोलनकारी किसानों पर किये जा रहे दमन और किसान नेताओं की सरकार द्वारा धरपकड़ की कड़ी निन्दा।सरकारों के दमन से अब किसान आंदोलन रुकने वाला नहीं है: आनन्द सिंह नेगीआम जनता से अन्नदाताओं के पक्ष में उतरने की अपीलअखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा देश के किसानों के आंदोलन से एकजुटता स्थापित करते हुए और किसान आंदोलन पर सरकारी दमन का विरोध करते हुए किसान विरोधी तीन केन्द्रीय कृषि कानून रद्द किये जाने और बिजली बिल 2020 को वापस किये जाने की मांग पर लालकुआं तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया।इस अवसर किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि, “मोदी सरकार द्वारा लाये गए कृषि कानून किसान विरोधी व जन विरोधी है जिन्हें मुख्यतः हमारी खेती व हमारी खाद्यान्न व्यवस्था पर कारपोरेट नियंत्रण को विस्तारित करने के लिए लाया जा रहा है। इसके खिलाफ पूरे देश मे किसान आंदोलन उमड़ पड़ा है।” “भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर किए जा रहे दमन की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि, “किसानों के प्रदर्शन पर दमन उत्पीड़न और किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है। लेकिन ऐसा दमन किसानों के संघर्ष को और मजबूत ही करेगा, क्योंकि उनके लिए यह जीने व मरने का सवाल बन चुका है”|
उन्होंने समाज के अन्य तबकों से भी अपील की कि, वे अन्नदाताओं के हितों की रक्षा के लिए इन वाजिब मांगों के पक्ष में बढ़चढ़ कर समर्थन में सामने आएं और किसानों के विरोध को सहयोग दें। किसान महासभा के नैनीताल जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “केन्द्र की मोदी सरकार खेती में बड़ी कम्पनियों व विदेशी कम्पनियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। तीन काले खेती के कानून और बिजली बिल 2020 भारत के किसानों की कई पीढ़ियों को नष्ट कर देंगे, क्योंकि इनसे खेती, बाजार और खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला कृषि व्यापारियों के हाथ में सिमट जाएगी। इसलिए देश क किसान अपने संघर्ष को जारी रखने के लिए संकल्पबद्ध हैं।”भाकपा (माले) जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि,”26-27 नवंबर को किसान विरोधी कृषि कानूनों का प्रतिरोध कर रहे किसानों पर मोदी सरकार और राज्यों की भाजपा सरकारों ने दमन बरसाया है. पैदल दिल्ली मार्च कर रहे किसानों पर आंसू गैस, पानी के बौछार और लाठियां चलायी गयी हैं. देश के अन्नदाताओं के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस शर्मनाक युद्ध का सभी नागरिक प्रतिरोध करें, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग में किसानों का साथ दें.”धरने के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री को चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा गया जिसमें मांग की गई कि किसान विरोधी नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाय, विद्युत संशोधन बिल 2020 का प्रस्ताव तत्काल वापस लिया जाय, सरकारी व सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपना बंद किया जाय, मजदूरों के पक्ष में श्रम कानूनों को बहाल करते हुए मजदूर विरोधी चार श्रम कोड वापस लिये जाएं।धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में मुख्य रूप से आनन्द सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, डॉ कैलाश पाण्डेय, भुवन जोशी, विमला रौथाण, ललित मटियाली, बिशन दत्त जोशी, स्वरूप सिंह दानू, गोविंद जीना, नैन सिंह कोरंगा,पुष्कर दुबड़िया, हरीश भंडारी, पनी राम, धीरज कुमार, खीम सिंह वर्मा, आनंद सिंह दानू,विक्की जोशी, टोनी आर्य, शिवा कोरंगा, देव सिंह बिष्ट, कृष्णा जोशी, गौतम, सुशील, राम बहादुर आदि मौजूद रहे।