18 जनवरी को महीला किसान दिवस के रूप में, देश के विभिन्न महिला संगठनों द्वारा मनाया
संवाददता समी आलम
हल्द्वानी 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के रूप में, देश के विभिन्न महिला संगठनों द्वारा मनाया गया। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने इस कार्यक्रम के समर्थन में बुद्ध पार्क हल्द्वानी मैं सांकेतिक धरना दिया। देश की सर्वोच्च अदालत ने किसान आंदोलन के संदर्भ में कहा कि किसान आंदोलन में महिलाएं क्या कर रही है, इसकी देशभर में तीखी प्रतिक्रिया हुई ।
इतिहास इस बात का गवाह है कि इस दुनिया में खेती की शुरुआत करने में महिलाओं की भूमिका रही है, तब से लेकर आज तक महिलाएं खेती-किसानी से जुड़ी रही हैं और खेती के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी मेहनत करती रही है लेकिन आज देश के सर्वोच्च न्यायालय के यह बयान इस बात की पुष्टि करते हैं की खेती में इतनी मेहनत के बावजूद भी महिलाओं को खेती पर कोई अधिकार नहीं है । वह किसान नहीं मानी जाती। किसान की पहचान पुरुषों से होती है क्योंकि अधिकांश खेती की जमीन पुरुषों के नाम पर होती है। धरना देने वालों में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के दीपा,सुनीता, रजनी, हेमा, आरती, नीता पछास से रूपाली उमेश विपिन क्रालोस से टी आर पाण्डेय, नसीम, मोहन आदि लोग रहे।