किसान आंदोलन के समय मुस्लिम भाइयो ने लंगर लगाकर अपनी इंसानियत की मिसाल पेश की
रिपोर्टर समी आलम
पंजाब से सीधी रिपोर्ट जहां एक तरफ देश में पूरे देश में कृषि बिल को लेकर किसानों ने बिल का विरोध करते हुए जगह-जगह अपने विरोध प्रदर्शन कर सरकार को चेताया रही है तो दूसरी तरफ किसान अपनी समस्याओं को लेकर सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार इस बात को मानने को तैयार नहीं है क्या इसमें कोई भी संशोधन किया जाए सरकार के अनुसार बताया जा रहा है कि यह जो बिल पेश किया गया है इसमें कोई कमी नहीं है किसी को कोई भी नुकसान नहीं है लेकिन किसान भाइयों को ऐसा लग रहा है कि यह जो कृषि विधायक बिल पारित किया गया है
वह किसानों के हित में नहीं है जिसके लिए किसान अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ।बहीं अगर बात करें शाहीन बाग़ की जब हजारों मुस्लिम महिलाएं साइन बाग में अपनी पहचान और सम्मान की लड़ाई इस मुल्क के निजाम से लड़ रहे थे, उस लड़ाई में अपना कंधा देने के लिए सभी समाज के लोगों ने आकर अपना भाईचारा पेश करते हुए धर्मनिरपेक्ष कहे जाने वाले शब्द को दुनिया के सामने पेश कर एक मिसाल कायम की थी जिसके चलते सभी वर्ग के लोगों ने मुस्लिम महिलाओं के सम्मान में जो भी सहयोग हो पाया करा था उसी चीज के चलते आज हिंदुस्तान में कहे जाने वाले धर्मनिरपेक्ष देश मैं लोगों ने अपने अपने योगदान देकर यह साबित कर दिया है यह धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जिसके चलते जो सरकार द्वारा कृषि बिल पास किया गया है उसके विरोध में बड़ी तादाद में सिख लोग सामने उभर कर आए तो दूसरी तरफ उनकी भोजन पानी की व्यवस्था मुस्लिमों ने अपने हाथ में कमान संभाल कर यह साबित कर दिया कि हिंदुस्तान एक अपने आप में धर्मनिरपेक्ष देश तो है ही है लेकिन अपनी पहचान दिखाकर यह भी साबित किया है कि हम सब आपस में भाई भाई हैं।
अगर हम बात करें उस लड़ाई में कंधा देने के लिए पंजाब से आए सिख भाइयों ने खुली सड़क पर लंगर लगाए थे आज सिख किसान सड़क पर है आधा पंजाब सड़क पर है तो लंगर की जिम्मेदारी मुसलमानों ने उठा ली पंजाब शहर के मलेरकोटला शहर में किसान संघ से जुड़े सिख किसान प्रदर्शन कर रहे थे सिख किसानों की भूख प्यास की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हुए वहां के मुसलमानों ने लंगर लगाना शुरू कर दिया है मुसलमानों ने अपने सिख भाइयों का कर्ज अदा नहीं किया बल्कि वही काम किया जो इस मुल्क के जिंदा नागरिकों को करना चाहिए शाहीन बाग के समय सिख कर रहे थे किसान आंदोलन के समय मुसलमान भाई लंगर लगाकर अपनी इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं