23 फरवरी, हल्द्वानी संविधान पर हमला बर्दाश्त नहीं 20 मार्च को बुद्धपार्क में रैली और जनसभा के माध्यम से सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ किये गए हस्ताक्षरों को राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजा जाएगा सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ अभियान जारी रहेगा
संविधान बचाओ मंच की बैठक
संविधान विरोधी सीएए तथा गरीब विरोधी-दलित विरोधी एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ “संविधान बचाओ मंच” की एक बैठक कल देर रात्रि इरशाद बैंकट हॉल, इन्द्रानगर, हल्द्वानी में सम्पन्न हुई। बैठक में अब तक चलाये गए हस्ताक्षर अभियान की समीक्षा की गई। साथ ही अभियान को और तेज़ करने का संकल्प लिया गया। शपथ ली गई कि संविधान पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि 20 मार्च को बुद्धपार्क में रैली और जनसभा के माध्यम से सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ किये गए हस्ताक्षरों को राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजा जाएगा।
संविधान बचाओ मंच द्वारा 23 फरवरी को विभिन्न संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के समर्थन का भी फैसला लिया गया।
इस अवसर पर भाकपा (माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि, “मोदी का कहना कि सरकार सीएए और 370 पर पीछे नहीं हटेगी चाहे जितना विरोध हो जाय, दिखाता है कि मोदी सरकार जनता की लोकतांत्रिक आवाज को दरकिनार कर तानाशाही लादना चाहती है।”
उन्होंने कहा कि, “देश की सरकार संविधान के प्रति जवाबदेह होती है और संविधान किसी भी सरकार को इस बात की इजाजत नहीं देता कि सरकार तय करे कि देश में किन्हें नागरिक माना जायेगा और किन्हें नहीं। मोदी सरकार की इस तरह की कोशिशों के चलते संविधान और लोकतंत्र कमजोर होगा, जो देशहित में नहीं है।”
बड़ी मस्जिद के इमाम सैयद इरफान रसूल ने कहा कि, “आज़ादी की लड़ाई के बाद डॉ.अम्बेडकर के नेतृत्व में बना भारतीय संविधान देश की सबसे बड़ी ताकत है। परन्तु भाजपा की मोदी सरकार संविधान के मूल ढाँचे पर चोट करने पर आमादा है। पहले इस सरकार ने संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन कानून को पारित किया और अब देश को गरीब विरोधी, दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी, मुस्लिम विरोधी एनपीआर-एनआरसी पैकेज की ओर धकेल दिया है।”
अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जी.आर. टम्टा ने कहा कि, “लोकसभा चुनाव में मोदी जी ने सबका साथ-सबका विकास का वादा कर सत्ता हासिल की थी लेकिन सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने जनता के सभी सवालों को किनारे कर विभाजन की राजनीति को तरजीह देने का काम किया है। रोजगार, आर्थिक मंदी, महंगाई, गरीबी जैसे बुनियादी सवाल पीछे कर दिए गए हैं और भाजपा ने हर मसले को सांप्रदायिक राजनीति का शिकार बना दिया है। जो देश को आगे नहीं ले जायेगा। संविधान के रास्ते पर चलकर और सभी को साथ लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ ही देश आगे बढ़ सकता है।”
पार्षद शकील अंसारी ने कहा कि, “नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी, एनपीआर का मामला हिन्दू मुसलमान का मामले में तब्दील किया जा रहा है लेकिन यह पूरे देश का मामला है और ये संविधान पर हमले का मामला है इसे समझना और समझाना जरूरी है।”
बैठक में मुख्य रूप से सैयद इरफान रसूल इमाम बड़ी मस्जिद, अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जी आर टम्टा, पार्षद शकील अंसारी, पार्षद रोहित, पार्षद इस्लाम मेकरानी, पार्षद गुड्डू वारसी, तौफीक अहमद, शकील सलमानी, नफीस अहमद खान,अब्दुल तस्लीम, तस्लीम अंसारी, डॉ कैलाश पाण्डेय, जीशान परवेज, चांद वारसी, मो फुरकान, अरबाज़ खान, शमशाद अहमद, लियाकत अली, सरफराज, शाहरुख, नसीम अहमद, शरीफ अहमद, मो सलीम, असलम, सिराज, अजीम, फरहाज, अजहर, फय्याज, आरिफ, मुन्ना हाजी, सिकंदर अंसारी, मो जावेद आदि ने भी विचार व्यक्त किए। बैठक का संचालन पार्षद शकील अंसारी ने किया।संविधान बचाओ मंच की ओर से