हल्द्वानी में आज शनिवार को बस्ती बचाओ संघर्ष समिति बनभूलपुरा के बैनर तले आज बस्ती के बच्चे, महिलाओं ने बाल आग्रह कर रविशंकर जोशी से जनहित याचिका वापस लेने की मांग की। यह कार्यक्रम पहले गौलापार रविशंकर जोशी के आवास के पास निश्चित था परंतु रविशंकर जोशी द्वारा आवास पर आने से मना करने के बाद कार्यक्रम बुद्ध पार्क तिकोनिया में कर मीडिया के माध्यम से उनसे आग्रह किया गया। इस दौरान चली सभा में संयोजक टीका राम पांडेय ने कहा कि रविशंकर जोशी जी आपको ज्ञात होगा कि उच्च न्यायालय नैनीताल में आपके द्वारा लगाई गई जनहित याचिका को आधार बनाकर रेलवे बनभूलपुरा के हजारों परिवारों को उजाड़ना चाह रहा है। बनभूलपुरा में रेलवे का जमीन पर स्वामित्व का दावा झूठा है।
आपको ज्ञात ही होगा की इस भूमि में रेलवे के पास मालिकाने के कोई दस्तावेज नहीं हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी उच्च न्यायालय में शपथपूर्वक साफ-साफ शब्दों में कहा है कि भूमि हड़पने के इरादे से सरकारी भूमि, निजी मालिकाने की भूमि व अतिक्रमणाधीन भूमि पर दावा कर रहा है। जो की न्याय संगत नहीं है।
पछास के महेश ने कहा कि हमारे बस्ती में सरकारी प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल, बालिका इंटर कॉलेज, बालक इंटर कॉलेज, सरकारी चिकित्सालय, आंगनबाड़ी केंद्र आदि सरकारी संस्थान भी बने हैं। यहाँ पर सरकार द्वारा सड़क, बिजली, पानी आदि सुविधाएं भी दी गयी हैं। नगर निगम हमसे कर लेता हैं। सरकार ने स्कूल या इंटर कॉलेज, सरकारी संस्थान तो अतिक्रमण कर नहीं बनाए हैं। रेलवे ने कभी भी यहां पर किसी निर्माण पर कोई शिकायत नहीं की। अब आप की याचिका को आधार बनाकर रेलवे जमीन पर मालिकाना का झूठा दावा कर रहा है। जोकि हम जैसे हजारों परिवारों के ऊपर मुसीबत का पहाड़ खड़ा रहा है।
रजनी जोशी ने कहा कि बनफूलपुरा में ज्यादातर मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग रहते हैं। जो मुश्किल से अपना गुजारा कर पाते हैं। लोगों ने जिंदगीभर की पाई-पाई जोड़कर कच्चे मकान, आधे पक्के मकान या कुछ पक्के मकान बनाए हैं। हजारों परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। हजारों बीमार, बच्चे-बूढ़े, महिला-पुरुष सड़कों पर आ जाएंगे। पुलिस-प्रशासन ने उच्च न्यायालय में योजना बताई है कि हमें हल्द्वानी शहर में, गौला नदी पार या काठगोदाम-लालकुआं की तरफ नहीं जाने दिया जाएगा। आपकी याचिका से अगर हमारे घर टूट जाते हैं तब पता नहीं हम कहां रहेंगे, कहां जाएंगे। हमारे घर-स्कूल तोड़ दिए जाएंगे। हम रोज-रोज इसी डर के साये में जी रहे हैं। और हर रात यह एहसास होता है पता नहीं कौन सी सुबह हमारा घर टूटने का फरमान आ जाए। रविशंकर जोशी जी पता नहीं घर टूटने का एहसास आपको है या नहीं। पर हम बच्चों का यकीन मानिए यह बहुत दर्दनाक होता है, बहुत पीड़ादायी और कष्टकारी होता है। जिसको हम जैसे गरीब-मजदूर, मेहनतकश परिवारों से आने वाले बच्चे ही समझ सकते हैं।
नसीम ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है श्री रविशंकर जोशी जी आप एक नेकदिल, इंसाफपसंद इंसान हैं। हमें यकीन है कि आप रेलवे को अपनी याचिका को आधार बनाकर यह अन्याय हमारे साथ और हजारों परिवारों के साथ नहीं करने देंगे। हम बच्चे आपसे आदरपूर्वक आग्रह करते हैं कि आप अपनी जनहित याचिका वापस ले लें। हमारे घरों-स्कूलों को उजड़ने से बचा लें। आपके इस सहयोग के लिए हम आजीवन आपके आभारी रहेंगे।
इस दौरान कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। और रविशंकर जोशी से अपनी जनहित याचिका वापस लेने की मांग की। ताकि हजारों परिवारों को बेघर होने से बचाया जा सके।
सभा का संचालन कक्षा 8 के अनुराग और कक्षा 6 की इन्शा ने किया।
इस दौरान कार्यक्रम में अनुराग, इन्शा, आफताब आलम, शाहजेब, खिजरा, आलिया, टीकाराम पांडे, रजनी जोशी, महेश चंद्र, रीना, अफ़सरी देवी, नसीम, रियासत, वासित सहित सैकड़ों बच्चे वह महिलाएं शामिल थे।