ब्यूरो रिपोर्ट ज़ाकिर अंसारी हल्द्वानी
नैनीताल, बनभूलपुरा के रेलवे के मामले को लेकर,उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हल्द्वानी के बनभुलपुरा में रेलवे भूमि मामले में याचिकर्ताओ को कोई राहत नहीं दी जिससे लोगों की टेंशन बढ़ती ही जा रही है, आपको बताते चलें की पांचों जनहित याचिकाओं को इस मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खण्डपीठ को भेज दिया है। आज मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई। इस मामले में आज रेलवे की भूमि पर काबिज मुस्तफा हुसैन, मोहम्मद गुफरान, टीकाराम पांडे, मदरसा गुसाईं गरीब नवाज और भूपेन्द्र आर्य व अन्य काबिज़ लोगों की ओर से अदालत में पाँच जनहित याचिकाएं दायर कर कहा गया कि सरकार उन्हें हटाने के साथ उन्हें पुनर्वासित करे।
न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को कोई भी राहत नहीं दी और सभी जनहित याचिकाओं को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की अगुवाई वाली खण्डपीठ को भेज दिया।हाईकोर्ट ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं, उनको रेलवे पीपीएक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाइयां करें। रेलवे की ओर से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिन पर करीब 4365 लोग मौजूद हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर इन लोगों को पीपीएक्ट में नोटिस दिया गया। किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाए गए हैं। इसके बाद से यहां रह रहे लोगों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। इसको लेकर स्थानीय लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। अब देखना यह है यह रेलवे ग्राम जनता का मामला कोर्ट के माध्यम से कहां तक और किस हद तक जाता है लेकिन सभी को उम्मीद है कोर्ट हमारी बात जरूर सुनेगा। जिसके चलते सभी बनभूलपुरा के लोगों ने अपना अपना पक्ष कोर्ट में रखा है। अब देखना यह है किस हद तक कहां तक जनता को राहत मिलती है क्या बाकी मैं बस्ती को उजाड़ दिया जाएगा या फिर सरकार जनता के लिए कुछ सोचेंगी