नैनीताल-कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने सिंचाई विभाग द्वारा भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्र बलियानाले पर लगभग 170 करोड़ से अधिक की लागत से निर्माणाधीन *फ्रेजाइल स्लॉप ट्रीटमेंट* के विकास कार्यों का ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान दीपक रावत ने मुख्य अभियंता, हल्द्वानी संजय शुक्ला से बलिया नाले पर होने वाले विकास कार्यों की विस्तारपूर्वक जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान कुमाऊं आयुक्त ने सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए बार चार्ट का भी अध्ययन किया और उनके द्वारा स्टेप वाई स्टेप की जाने वाली एक्टिविटी की भी जानकारी ली। जिसके क्रम में मुख्य अभियंता, हल्द्वानी ने बताया कि उनके द्वारा अप्रोच, ड्रिलिंग, नाली ड्रेनेज, हाइड्रोकिडिंग आदि के कार्य किए जाएंगे। कुमाऊं आयुक्त ने बताया कि पिछले कई वर्षों से वर्षाकाल के दौरान इस क्षेत्र में भूस्खलन, जल स्रोतों की अलग-अलग धाराओं के कारण हो रहा था जिसे एक धारा के रूप में परिवर्तित कर भूस्खलन को रोका जायेगा।
उन्होंने कहा यह कार्य सिचाई विभाग की निगरानी में किया जा रहा है और नैनीताल के भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बलियानाले के किनारे दो पहाड़ों को खतरा बना हुआ है जो लगातार भूस्खलन के चलते खिसक रहे हैं। भूस्खलन की रोकथाम, स्थिरीकरण के लिए सेल्फ ड्रिलिंग एंकरिंग के माध्यम से उपचारात्मक कार्य भी किया जाएगा। इस क्षेत्र में स्लोप काफी ज्यादा है उसे कम किया जायेगा साथ ही धारायें काफी निकलती है, जिनको एक सूत्र में पिरोकर ड्रेनेज सिस्टम तैयार कर भूस्खलन को रोका जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार सम्भावनायें हैं भविष्य में पर्यटन के विकास के दृष्टिगत कार्य किया जाए।निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी शिव चरण दिवेदी, उपजिलाधिकारी सदर, नैनीताल प्रमोद कुमार, अधिशासी अधिकारी सिंचाई खंड नैनीताल अनिल वर्मा, मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी, नगर पालिका परिषद नैनीताल सहायक अधिशासी अधिकारी पूजा आर्या सहित वन विभाग और राजस्व विभाग की टीम मौजूद रही।