ब्यूरो रिपोर्ट: शमशाद उस्मानी
सेंथल बरेली माहे मोहर्रम में मुस्लिम समुदाय खासकर शिया समुदाय में अजादारी के साथ इमाम हुसैन और तमाम शहदाने कर्बला की याद में मातम-ओ – -मजलिस करने और जुलूस -ए – अलम उठाने एवं घरों में महिलाओं द्वारा हजरत इमाम हुसैन (रज़ि अ अन्हु) की याद में मजलिसें और मातम करने का सिलसिला जारी है।सेंथल में हज़रत इमाम हुसैन, और तमाम शहीदाने कर्बला की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम में नगर के मुस्लिम शिया समुदाय के लोगों ने मजलिसों का आयोजन करके जुलूसे अलम उठाकर कर्बला के शहीदों को याद करके गमे अजादारी का इज़हार किया। वहीं नगर में अनेक जगहों पर महिलाओं ने भी मजलिसें कर के कर्बला के शहीदों को याद किया। इमामबाड़ा खुर्द में मजलिस को खिताब करते हुऐ मौलाना गजनफर अली ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत सहित तमाम शहीदाने कर्बला की शहादत का बयान सुनाया बयान सुन कर मजलिस में मौजूद हर आंख गम से नम हो गई। इसके बाद अजादारों ने सिनाजनी की पहली मजलिस जफर अब्बास के आवास पर हुई। इसके बाद इमामबाड़ा खुर्द, इमामबाड़ा हैदरी, इमामबाड़ा बुखारी, इमामबाड़ा दरे हुसैन, इमामबाड़ा जुल्फिकार हसनैन, इमामबाड़ा गड़ी, इमामबाड़ा सलमानी, इमामबाड़ा कला, दरगाह हजरत अब्बास में मजलिसें करने का सिलसिला जारी रहा तो इमामबाड़ा चूड़ीवालान में अलम और डोले का जुलूस उठा।इसके अलावा जनपद के कस्बा हाफिज गंज में मोहर्रम की 4 तारीख को ताजिया का जुलूस निकला ताजिया जुलूस में कर्बला का बयान सुना कर इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला को याद किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया जुलूस में जगह जगह ताजिया फूलों की बारिश की गई। ताजिए का जुलूस मरहूम हाजी बिट्ठन शाह के इमामबाड़ा से निकला, जुलुस में असरफ अली, अकबर अली, उस्मान अंसारी, मोहम्मद नबी आदि लोग मौजूद रहे।