बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के माध्यम से बेटी बनी आत्मनिर्भर
ब्यूरो रिपोर्ट कॉर्बेट बुलेटिन हल्द्वानी
हल्द्वानी काठगोदाम निवासी बालिका कोमल राणा ने कुछ वर्ष पूर्व अपने माता-पिता को खो दिया था। इन हालातों में भी कोमल राणा ने 12 की परीक्षा प्रथम स्थान पर पास की, आगे की पढाई जारी रखना कोमल के लिए मुश्किल था। बेटी बचाओ-बेटी पढाओ के एक कार्यक्रम में कोमल ने जिलाधिकारी श्री सविन बंसल से मिली तथा बीएससी नर्सिंग करने की तमन्ना जाहिर की। गरीब बेटियों की शिक्षा के प्रति बेहद संजीदा जिलाधिकारी ने कोमल की शिक्षा का बीड़ा उठाया और कोमल का पाल काॅलेज में बीएससी नर्सिंग में दाखिला कराया व चार वर्षीय कोर्स की फीस ढाई लाख रूपये जिलाधिकारी श्री बंसल ने जमा करा दी है।
श्री बंसल का मानना है कि बच्ची कोमल की धनराशि के अभाव मे पढाई बाधित ना हो उनका मानना है कि शिक्षित बच्चियां समाज का स्तम्भ हैं तथा परिवार में ज्ञान की रोशनी विखेरती है। बालिका कोमल ने जिलाधिकारी श्री बंसल को बताया कि वह अनाथ है तथा अपने जीवन में कठनाईयों का सामना कर रही है गरीब होने के कारण आगे की पढाई भी जारी नही रख सकती है उसने बीएससी नर्सिंग करने की इच्छा जाहिर की। कार्यक्रम में कोमल की दास्तान सुन जिलाधिकारी ने कोमल से तभी वादा कर दिया की वे उसकी शिक्षा रूकने नहीं देंगे। जिलाधिकारी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी रामनगर शिल्पा जोशी को निर्देशित कर कोमल राणा का पाल नर्सिंग काॅलेज में चार वर्षीय कोर्स में दाखिल करवाकर अपना वादा पूरा किया, व चार वर्षीय फीस 2.50 लाख जिलाधिकारी द्वारा जमा कराये। कोमल की ड्रेस व किताबों का खर्च बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना से वहन किया जायेगा। जिलाधिकारी ने एक बार फिर एक जरूरतमन्द मेधावी बालिका की शिक्षा को जारी रखने में सहायता कर साबित कर दिया की बेटियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना उनकी प्राथमिकता है।