हरिद्वार में सोमवार रात को कांवड़ियों पर हुए लाठीचार्ज ने हरिद्वार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने के साथ-साथ पूरी उत्तराखंड पुलिस का नाम देश में खराब करवा दिया है। सोशल मीडिया पर कांवड़ियों की पिटाई का वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है।
और पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।वहीं अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। बुधवार को हरिद्वार के एसपी सिटी कार्यालय के बाहर बजरंग दल ने कांवड़ियों की पिटाई को लेकर प्रदर्शन करते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
आपको बता दे कि सोमवार रात को हरिद्वार के हर की पौड़ी से गंगाजल लेकर बागपत जा रहे कांवड़ियों जब कनखल थाना क्षेत्र के होटल जहान्वी डेल के पास हाईवे पर पहुंचे तो शिव भक्तों की मामूली सी बात को लेकर पुलिस से नोक झोक हो गई।लेकिन कनखल थाना पुलिस ने शिव भक्तों पर लाठियां बरसा दी, वहीं इस घटना में कुछ कांवड़ियों को चोटे भी आई, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया।
इसके विरोध में कांवड़ियों ने हाईवे पर हंगामा कर दिया और कई घंटे चले हंगामे का मामला जब आला अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार खुद मौके पर पहुंचे तथा कांवड़ियों से हाथ जोड़कर गलती स्वीकार कर मामले को शांत करवाया गया।लेकिन यही मामला यदि कांवड़ मेले के दौरान हो जाता तो आप अंदाजा लगा सकते हैं की स्थिति तब क्या होती, हालांकि कनखल थाना पुलिस पर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं, सबसे बड़ी सवाल तो यह है कि आखिर लाठी चार्ज का आर्डर किसने दिया था।
और ऐसी कौन सी लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ रही थी कि कांवड़ियों को इस तरीके से पुलिस द्वारा ट्रीट किया गया।वहीं कनखल थानेदार भावना केंथोला भी पूरे मामले में घिरती नजर आ रही है, क्योंकि वायरल वीडियो में कांवड़िए थानेदार साहब को ही पूरी घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए नजर आ रहे हैं। आपको बता दे कि एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने देर रात घटनास्थल पहुंचकर मोर्चा संभाला और कावड़ियों को मनाने में कामयाब हुए, वहीं मंगलवार सुबह कावड़ियों के लिए हर की पौड़ी से पुलिस द्वारा गंगाजल जल लाकर दिया गया, जिसके बाद कांवड़िए अपने गंतव्य को रवाना हुए ,लेकिन अब बजरंग दल ने इस पूरे मामले पर कनखल पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, शिव भक्तों की पिटाई को लेकर उनमें रोष है।
और बुधवार को उन्होंने हरिद्वार के देवपुरा चौक स्थित एसपी सिटी कार्यालय का घेराव करते हुए, निष्पक्ष जांच एवं कार्रवाई की मांग की। हालांकि पूरे देश में वायरल हुए वीडियो के बाद अन्य राज्यों के लोग भी उत्तराखंड पुलिस से सवाल पूछ रहे हैं, इतना ही नहीं लोग धामी सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। अब देखना होगा कि पूरे मामले में जांच में निकल कर क्या सामने आता है? और किसको इस घटना का दोषी ठहराया जाएगा? यह आने वाला वक्त ही बताएगा।