रिपोर्टर – समी आलम
हल्द्वानी – उत्तराखंड के हल्द्वानी में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के स्विमिंग प्रतियोगिता का आज समापन हो गया, जिसमें कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने विभिन्न इवेंट्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्रदान किए। इस अवसर पर भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व महासचिव राजीव मेहता भी उपस्थित थे।कमिश्नर दीपक रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों ने देवभूमि उत्तराखंड को देश में एक नई पहचान दिलाई है। हल्द्वानी में स्विमिंग, ट्रायथलॉन, खो-खो, फुटबॉल और कल से शुरू हो रहे ताई कमांडो जैसे खेलों का आयोजन हुआ है, जिससे हल्द्वानी को भी राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली है।राष्ट्रीय खेलों के दौरान पूरे प्रदेश में खेलों की आधारभूत संरचना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिससे अब किसी भी खेल के लिए अन्य राज्यों की ओर रुख करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार 38वें राष्ट्रीय खेलों पर नजर बनाए हुए हैं और रोजाना हो रहे खेलों की जानकारी और खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में अपडेट ले रहे हैं।14 फरवरी को पुरस्कार समारोह आयोजित होना है, जिसमें देश के गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में हल्द्वानी पहुंचेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर मुख्य सचिव स्तर से लगातार बैठकें हो रही हैं, और कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।कमिश्नर ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें, क्योंकि उत्तराखंड में खेलों की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार और जिला अधिकारी सभी खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। पोलो वाटर स्पर्धा में सर्विसेज ने महाराष्ट्र को 10-9 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। तैराकी प्रतियोगिता सम्पन्न हो गई है। प्रतियोगिता में पुरुषों में प्रथम कर्नाटक,द्वितीय तमिलनाडु तथा तृतीय स्थान पर महाराष्ट्र रही। महिलाओं में कर्नाटक प्रथम,महाराष्ट्र द्वितीय तथा उड़ीसा तृतीय स्थान पर रही, कर्नाटक की धीनिधि ने तैराकी की कुल 11 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने 9 स्वर्ण,1 रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया। 11 पदकों में से 6 स्वर्ण पदक व्यक्तिगत धीनिधि के नाम है। 5 रिले में हैं। सभी प्रतिभागियों द्वारा राष्ट्रीय खेलों के अयोजन की सराहना।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बिताए पलों की बेहतर यादों को लेकर अपने राज्य वापस लौट रहे हैं।