रिपोर्टर – समी आलम
रोजगार पर पिछले साल के बजट की बातों को ही दोहराया गया है, बीते साल की घोषणाओं का क्या हुआ इसका कोई जिक्र नहीं
- रोजगार के बिना विकास का मोदी सरकार का हर दावा फर्जी है
- पांचों लोकसभा सीटें बीजेपी को मिलने के बाद भी बजट में उत्तराखंड राज्य के लिए कोई भी उल्लेखनीय घोषणा नहीं
केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट देश की जनता को गुमराह करने के लिये मोदी सरकार की एक और जुमलेबाजी से अधिक कुछ भी नहीं है। असल में सरकार जनता के महंगाई और बेरोज़गारी के संकट को हल नहीं कर सकने की अपनी असफलता को छिपाना चाहती है। इसलिए बजट के प्रस्ताव जनता को भ्रम में डालने वाले हैं। कुल मिलाकर मोदी सरकार का आम बजट जवाबदेही से बचो और जनता को कोई राहत मत दो का आदर्श नमूना है। भाकपा(माले) जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने आज संसद में पेश केंद्रीय बजट पर तात्कालिक प्रतिक्रिया देते हुए प्रेस बयान में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि, पूरे देश का युवा भयानक बेरोज़गारी और परीक्षा दर परीक्षा पेपर लीक और भर्ती घोटालों से त्रस्त है। लेकिन रोजगार के सवाल पर वित्त मंत्री ने पिछले साल पेश किए गए आम बजट की बातों को ही घुमा फिराकर दोहराया है, लेकिन बीते साल रोजगार को लेकर की गई बजट घोषणाओं का क्या हुआ, कितना रोजगार मिला, देश में कितने सरकारी पद खाली हैं, कितनों पर भर्ती हुई इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है। स्पष्ट है कि युवाओं को स्व रोजगार के नाम पर भरमाने की कोशिश की गई है। रोजगार के ठोस अवसरों के बिना मोदी सरकार का विकास का हर दावा फर्जी है।
उन्होंने कहा कि, वित्त मंत्री देश की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था की समस्याओं का समाधान करने की भी कोई समझ बजट के माध्यम से प्रस्तुत नहीं कर सकी हैं। यह बजट उचित खर्च पर अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार के अवसर देने, बेहतर स्वास्थ्य, सभी को सुलभ सार्वजनिक यातायात तथा पर्याप्त खाद्य सुरक्षा के लिए कोई भी योजना प्रस्तुत नहीं कर सका है। बजट को कुल मिलाकर विदेशी कम्पनियों, बड़े कारपोरेटों, अमीरों व ताकतवर जमींदारों व माफियाओं के मनमाफिक बनाया गया है।
उन्होंने ने कहा कि, लोकसभा चुनाव उत्तराखंड की पांचों सीटों पर बीजेपी की जीत हुई लेकिन केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने राज्य के लिए कुछ भी उल्लेखनीय घोषणा नहीं की है, केवल अपनी सरकार बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की घोषणा मोदी बजट में की गई है। उत्तराखंड में शिक्षा, रोजगार, कृषि , बागवानी, उद्योग, पर्यटन, रेल किसी भी क्षेत्र के विकास को लेकर कोई पैकेज की घोषणा नहीं हुई है सिर्फ भूस्खलन या बादल फटने की घटना होने पर सहायता का आश्वासन दे दिया गया है। यह डबल इंजन की रट लगाने वाली मोदी सरकार की उत्तराखंड के प्रति घोर उपेक्षा को दर्शाता है और साथ मुख्यमंत्री धामी की राज्य के लिए केंद्र सरकार से भारी बजट आवंटन को लेकर कोरी बयानबाजी की सच्चाई को भी उजागर कर देता है।
माले नेता ने कहा कि, “मजदूरों-किसानों- महिलाओं – गरीबों और युवाओं को समझना होगा कि यह सरकार कारपोरेटों के मुनाफे के पक्ष में है। यह सरकार उनकी आमदनी और जीविका को नहीं सुधारेगी, यह बेरोज़गारी और महंगाई को कम नहीं करेगी और खेती और रोजगार में राहत देने का काम नहीं करेगी इसको पाने के लिए संघर्ष तेज़ करना होगा, यही विकल्प देश की जनता के सामने है।