हल्द्वानी-डेंगू का संक्रमण बढ़ने और मौसम में बदलाव से अस्पतालों में मरीजों की कतार लंबी हो गई है। ओपीडी में डेंगू, वायरल फीवर, डायरिया के मरीज सर्वाधिक संख्या में पहुंच रहे हैं। डेंगू मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड फुल हो गए हैं। जरूरत पड़ने पर उन्हें दूसरे वार्डों में भर्ती किया जा रहा है। डॉक्टरों ने ऐसे में एहतियात बरतने की सलाह दी है।
सुशीला तिवारी अस्पताल में वर्तमान में डेंगू के 34 मरीज भर्ती हैं। इनमें 10 मरीजों का एलाइजा टेस्ट पॉजीटिव है तो वहीं 24 मरीज कार्ड टेस्ट में पॉजीटिव आए हैं। बेस अस्पताल में डेंगू से ग्रसित 12 मरीज भर्ती हैं। बुधवार को बेस अस्पताल की ओपीडी में 905 मरीज पहुंचे। इनमें 300 से अधिक मरीज बुखार और बदन दर्द की परेशानी लेकर पहुंचे। जबकि एसटीएच की ओपीडी में 1300 मरीज इलाज कराने पहुंचे।
इनमें 400 से अधिक मरीजों में बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द के लक्षण मिले। अस्पतालों में भर्ती डेंगू ग्रसित रोगियों में अधिकतर वे हैं जो कुछ समय पहले दिल्ली और अन्य राज्यों से आए हैं। इनके अलावा शहर के गौलापार, शीशमहल और इंदिरानगर क्षेत्र के अधिकतर मरीजों में डेंगू के लक्षण मिले हैं।–
एसटीएच
कुल बेड : 680
मरीज भर्ती : 565
खाली हैं : 115
बेस अस्पताल
कुल बेड : 155
मरीज भर्ती : 95
खाली : 60
स्क्रब टाइफस के मरीजों में भी इजाफा
हल्द्वानी। पहाड़ों से आ रहे मरीजों मेंं स्क्रब टाइफस के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसमें तेज सिरदर्द के साथ बुखार आता है। कई मरीजाें में तेज बुखार, मानसिक तनाव, मल्टीसिस्टम डिजीज जैसी समस्याएं हैं। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. परमजीत सिंह ने बताया कि अस्पताल में वर्तमान 20 से 25 रोगी स्क्रब टाइफस के भर्ती हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।
एक ही वार्ड में भर्ती हैं डेंगू और डायरिया के मरीज
हल्द्वानी। एसटीएच में डेंगू के भर्ती मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में जहां बेस अस्पताल में डेंगू के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है तो वहीं एसटीएच में डेंगू और डायरिया समेत दूसरे रोगों के मरीजों का इलाज एक साथ एक ही वार्ड में किया जा रहा है।
गौलापार और मेडिकल कॉलेज परिसर से लगातार मिल रहे मरीज
हल्द्वानी। अब तक सामने आए मामलों में से गौलापार और मेडिकल काॅलेज से सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं। सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलेज परिसर और गौलापार से संदिग्ध मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो रही है।
- डेंगू के लक्षण –
सिर और हडि्डयों में दर्द होने वाला बुखार आना।
अधिक पसीना आना और बेहोशी छाना।
ठंड लगना, मतली या उल्टी होना।
शरीर पर लाल धब्बे या चकत्ते होना।
ये सावधानियां बरतें –
डेंगू के रोगी को मच्छरदानी में रखें।
कीट प्रतिरोधी का प्रयोग करें।
लंबी बाजू वाली शर्ट और पूरे कपड़े पहनें।
घरों में जाली का प्रयोग करें।
टायरों और खुली जगहों पर पानी न भरने दें।
पानी की टंकियों के ढक्कन हमेशा बंद रखें।
डेंगू रोगी को तरल भोजन दें।
प्लेटलेट्स कम होने पर डाॅक्टर से संपर्क करें।
डेंगू रोगियों को वार्डों में अलग से मच्छरदानी लगाकर रखा जा रहा है। सभी को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। इसके अलावा संदिग्धों की मॉनिटरिंग की जा रही है। – डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी।
अस्पताल में डेंगू रोगियों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था है जहां मॉनीटरिंग करते हुए इलाज किया जा रहा है। दवाइयों की पूरी व्यवस्था है। आवश्यकता पड़ने पर बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। – डॉ. सविता ह्यांकी, पीएमएस, बेस अस्पताल हल्द्वानी।