संवाददाता मुस्तज़र फारूकी
दो माह से बंद पड़ी इंदिरा अम्मा भोजनालय,सरकार स्वरोजगार के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रहीकालाढूंगी। गरीबों को सस्ते दरों पर पौष्टिक पहाड़ी भोजन उपलब्ध कराने वाला इंदिरा अम्मा भोजनालय यहां दो माह से बंद हो गया है। वहीं सरकारी उदासीनता से गरीबों का भोजनालय शुरू नही हो पाया है। पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार ने गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध हो इसके लिए हर जिले में इंदिरा अम्मा भोजनालय खोले गए थे। भोजन के लिए दूर-दूर से लोग इंदिरा अम्मा भोजनालय में आते थे। कालाढूंगी समुदाय स्वास्थ्य केंद्र के नजदीक होने से यहां काफी तीमारदार भी भोजन के लिए पहुंचते थे। भोजन भी मात्र 25 रुपये थाली था। सरकार स्वयं सहायता समूह को दस रुपया अतिरिक्त अपनी ओर से देती थी। लेकिन कालाढूंगी का 2 माह से इंदिरा अम्मा भोजनालय नहीं खुल पाया। ऐसा लगता है सरकार स्वरोजगार के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। जिससे स्वयं सहायता समूह के लोग बेरोजगार हो गए हैं वहीं गरीब भी सस्ते भोजन से दूर हो गए। बही सरकार द्वारा बीते कुछ वर्षों से चलाई जा रही इंदिरा अम्मा भोजनालय योजना से लोगों को शुद्ध व सस्ता भोजन उपलब्ध हो रहा था। परंतु कालाढूँगी में इस योजना से खुले भोजनालय को बंद हुए 2 महीने हो चुके हैं जिससे इस भोजनालय पर भोजन करने वालो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भोजनालय संचालक नीमा पांडे ने बताया कि भोजनालय संचालित करने के लिए ब्लॉक से आर्थिक सहायता प्राप्त होती है तब जाकर ग्राहक को 20 रूपए मात्र में भोजनथाल उपलब्ध कराया जाता है। परंतु विगत 1 वर्ष से सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है और जिस कारण उनको भोजनालय को बंद करना पड़ा। सहयोगी संचालक पुष्पा मेहता ने बताया कि सरकार से आर्थिक सब्सिडी प्राप्त करने के लिए उन्होंने कोटाबाग ब्लॉक कार्यालय में कई बार संपर्क किया परंतु वहाँ से सिर्फ आश्वासन प्राप्त हुआ, इसके बाद देहरादून में संबंधित कार्यालय में भी संपर्क किया गया परंतु वहाँ से भी सिर्फ आश्वासन ही प्राप्त हुआ।बॉक्स। दो महीनों से इच्छुक लोगों को इंदिरा अम्मा के खाने का स्वाद नहीं मिल पा रहा है। कालाढूंगी में खुली इंदिरा अम्मा कैंटीन बंद होने से दुकानदार सहित अन्य लोग परेशान हैं। यहां इंदिरा अम्मा कैंटीन कई वर्ष पहले खुली थी जो अब दो माह से बंद पड़ी है लेकिन 2 माह बीत जाने के कारण कैंटीन नहीं खुल सकी है। इंदिरा अम्मा कैंटीन खुलने से बाजार के कई दुकानदारों एवं अन्य राहगीरों को बड़ा सहारा था मगर अब कैंटीन काफी समय से बंद पड़ी हुई है। नगर पंचायत कार्यालय के निकट ही नगर पंचायत की दुकान में कई वर्ष पूर्व इंदिरा अम्मा कैंटीन का शुभारंभ हुआ था।