मरीजों को देखने के साथ-साथ प्रभारी की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, डॉक्टर सलीम
ओपीडी के साथ नाइट ड्यूटी की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, डॉ सलीम
रिपोर्टर मुस्तज़र फारूकी
कालाढूंगी कोटाबाग। उत्तराखंड सरकार जहां पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा करती है, स्वास्थ्य विभाग में सभी सुविधाओं की उचित व्यवस्था के गीत गाती है, वही नैनीताल जिले के कोटाबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इसकी हकीकत बयां कर रहा है। जहां कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी डॉक्टरों से जिलाधिकारी के आदेश के बाद ही छुट्टी लेने की बात कही थी, वही उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए कोटाबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैं 3 डॉक्टर छुट्टी, एक डॉक्टर मेडिकल, एक एलएमओ विदाउट पे लिब पर है। जिससे कोटाबाग के मरीज परेशान हो रहे हैं, कोटाबाग में प्रत्येक दिन 180 से 200 ओपीडी आती है, लेकिन सात से आठ डॉक्टर होने के बावजूद भी मरीजों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। केवल डॉक्टर सलीम अंसारी ही 170 के आसपास अकेले ओपीडी मरीजों को देखकर उनका इलाज कर रहे हैं। लगता है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटाबाग हॉस्पिटल डॉक्टर सलीम अंसारी के भरोसे हैं, जो ओपीडी के साथ-साथ नाइट ड्यूटी भी कर रहे हैं। कोटाबाग ब्लॉक के अंतर्गत तराई के साथ-साथ भाभर का क्षेत्र भी आता है, जहां से दूरदराज से लोग हॉस्पिटल में अपना इलाज कराने आते हैं। लेकिन डॉक्टरों के ना होने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, और जहां मरीजों को हॉस्पिटल में अधिक डॉक्टर होने की सुविधा मिलनी चाहिए थी, वही मात्र 1 डॉक्टर सलीम अंसारी को दिखाने के लिए उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ता है, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटाबाग के डॉक्टर किसकी परमिशन से छुट्टी पर गए या सभी डॉक्टरों को एक साथ छुट्टी कैसे दी गई, जिसके कारण हॉस्पिटल में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, यह सोचनीय विषय है। कोटाबाग के ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष हीरा बल्लभ बधानी ने हॉस्पिटल में गंदगी व ईसीजी की सुविधा ना मिलने तो वही गिनती गांव के ग्राम प्रधान मदन बजवाल ने हॉस्पिटल में 7 – 8 डॉक्टर होने के बावजूद भी मात्र एक डॉक्टर उपस्थित होने पर नाराजगी व्यक्त की और हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी को लेकर सीएमओ से भी शिकायत की।