सरकार सर्विस सेक्टर के लिए तैयार कर रही अलग पॉलिसी,एमएसएमई पॉलिसी के मुकाबले मिल सकती हैं ज्यादा सुविधाएं,रिपोर्टर समी आलमदेहरादून, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल और आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई पॉलिसी तैयार कर रही है। इस पॉलिसी के तहत इन क्षेत्रों में निवेश करने पर सब्सिडी के अलावा कई नए प्रोत्साहन दिए जाएंगे। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष फोकस है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक पहाड़ पर ज्यादा उद्योग चढ़ नहीं पा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि पहाड़ पर कच्चे माल की कमी व उत्पाद को बचेने के लिए मार्केट नहीं है। ऐसे में निवेशक पहाड़ पर कारोबार शुरू करने से कतराते हैं। इस समस्या को देखते हुए सरकार अब पहाड़ पर ऐसे सेक्टरों पर फोकस करने जा रही है जिसमें निवेशक आ सकें। ऐसे में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की जलवायु को देखते हुए वहां अस्पताल और स्कूलों की स्थापना पर फोकस किया जा रहा है। इसके साथ ही कॉल सेंटर या आइटी सेक्टर से जुड़े काम भी पर्वतीय क्षेत्रों में कम कीमत पर हो सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से सर्विस सेक्टर के लिए नई पॉलिसी लाई जा रही है। ज्यादा सब्सिडी और सुविधाएं मिलेंगी उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सर्विस सेक्टर को पहाड़ पर चढ़ाने के लिए एमएसएमई पॉलिसी के अतिरिक्त सुविधाएं देने पर विचार किया जा रहा है। एमएसएमई नीति के तहत सरकार सीमांत जिलों में अभी 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। यदि कोई महिला, दिव्यांग या एससी, एसटी श्रेणी का निवेशक निवेश करता है तो पांच प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन है। माना जा रहा है कि सर्विस सेक्टर के लिए इससे 10 प्रतिशत तक अधिक सब्सिडी का प्रावधान हो सकता है। इसके अलावा ब्याज, जमीन, बिजली, ट्रांसपोर्टेशन व अन्य सुविधाओं के लिए भी प्रोत्साहन की घोषणा अलग से हो सकती है।