रिपोर्टर- मोहम्मद ज़ाकिर अंसारी हल्द्वानी
हल्द्वानी 13 अक्टूबर 2023 गायकी के बेताज बादशाह बहुमुखी प्रतिभा के धनी सुप्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर किशोर कुमार की 36 वी बरसी / पुण्यतिथि पर किशोर कुमार फैन्स क्लब हल्द्वानी द्वारा उनके प्रशसंको ने गीतों भरे कार्यक्रम में अपने प्रिय गायक के गीतों को गाकर श्रद्धाजंलि दी एवं भावपूर्ण स्मरण किया आजाद नगर में हुये कार्यक्रम में क्लब के मो0नबी ने कहा कि मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में 4 अगस्त 1929 को एक बंगाली परिवार में किशोर कुमार का जन्म हुआ अपने चार भाई, बहनों में सबसे छोटे किशोर कुमार 18 वर्ष की आयु में प्रसिद्ध गायक कुन्दन लाल सहगल के गानों से प्रभावित होकर मुम्बई चले आये किशोर कुमार ने न केवल I । अपनी गायकी बल्कि अपने अभिनय एवं निर्देशन की प्रतिभा से संगीत प्रेमियों को अपना दीवाना बनाया और आज भी इनके प्रशंसकों की संख्या करोड़ों में है और उनकी दीवानगी प्रशंसकों में कम नहीं हुई उनके गीतों से मौहाल खुशनमों हो जाता है और उनको अंदाज ताजगी देता है। मोहम्मद नबी ने उनके गाये गीत चलते-चलते मेरे गीत याद रखना, कभी अलविदा न कहना, जिंदगी के सफर में गुजर जाते है जो मकाम वो फिर नहीं आते, जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर, मेरी उमर के नौजवानों, बचना ऐ हसीना लो मैं आ गया, पल-पल दिल के पास तुम रहती हो, ओ मेरे दिल के चैन, दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाये, चेहरा है या चांद खिला है, ये शाम मस्तानी मदहोश किये जायें, हाल क्या है दिलों का न पूछों सनम । देर रात तक किशोर कुमार के प्रशसंकों द्वारा गीत गाये गये। मोहम्मद सलीम विक्की ने नीले-नीले अम्बर पर चांद जब आये, मोहम्मद फाजिल ने तेरे जैसा यार कहा कहा ऐसा याराना, राशिद खान व मो० नबी ने बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा, आदि गीत गायें। मोहम्मद नबी ने बताया कि 13 अक्टूबर 1987 को ये हरफन मोला कलाकार हम सबको उदास कर हमेशा के लिये इस दुनिया से चला गया लेकिन इनके गाये गीत आज भी हमें किशोर कुमार की सुखद मौजूदगी का एहसास कराते है और किशोर कुमार के गाये गीत उनके प्रशसंकों के लिये एक अमूल्य धरोहर है। इस अवसर पर मोहम्मद फैजल, लईक खान, असलम खान, जहीर आलम अंसारी, मोहम्मद फाजिल, नसीम अहमद वारसी