ऊधम सिंह नगर – सत्ता पक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली विपक्षी कांग्रेस आजकल खामोश इख्तियार किए हुए हैं, कांग्रेस के मठाधीशों की इस खामोशी पर जहां आम आदमी सवाल खड़े कर रहा है तो वहीं सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों द्वारा इसे कांग्रेस की कायरता से जोड़ कर देखा जा रहा है,दर असल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालें कांग्रेस कुछ मठाधीशों द्वारा मौजूदा समय में जन हित के मुद्दों पर मोर्चा खोलने से बचते देखा जा रहा है,दर असल सरकार की छोटी-छोटी बातों को लेकर सड़कों पर नौटंकी करने वाले विपक्षी दल कांग्रेस के मठाधीशों द्वारा इन दिनों एक बहुत बड़े मुद्दे को भुनाने से बचते देखा जा रहा है,दर असल पिछले करीब 28 दिनों से लगातार डोल्फिन कंपनी के मजदूरों द्वारा शहर के गांधी पार्क में आमरण अनशन किया जा रहा है, और इस आमरण अनशन पर चार महिला जिंदगी और मौत से लड़ रही है, नारी शक्ति का दम भरनेवाली वाली डबल इंजन सरकार को इस आंदोलन को लेकर आड़े हाथों लिया जा रहा है,इन मजदूरों को ऊधम सिंह नगर में महज़ आम आदमी पार्टी द्वारा समर्थन दिया जा रहा है,आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष सतपाल सिंह ठुकराल ने इन मजदूरों को समर्थन देते हुए कुछ दिनों तक आमरण अनशन पर भी बैठे थे, वहीं आम आदमी पार्टी की महिला ईकाई की जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास भी इन श्रमिकों के साथ खड़ी हैं, लेकिन सूबे के सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के मठाधीशों द्वारा इन मजदूरों की सुध न लेना सवालों के दायरे में आ गया है, दर असल कांग्रेस कमेटी के मठाधीशों द्वारा इस आंदोलन को सिर्फ एसी कोच में बैठकर तमाशा देख जा रहा है, जबकि यह बड़ा मुद्दा कांग्रेस कमेटी के लिए निकाय चुनावों में बेहद काम आने वाला है, मजदूरों की मानें तो जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा इन श्रमिकों को बहुत सी बार समर्थन देने का झांसा दे चुके हैं लेकिन उन्होंने सिर्फ झांसा दिया है, वहीं सरकार के खिलाफ सीना पीटने वाले नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सीपी शर्मा भी गूंगे बहरे हो गये है, ऐसे में निकाय चुनावों में कांग्रेस एक बार फिर मुंह के बल गिर सकती है,यह कहना सही होगा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड ने जरुर इन श्रमिकों का मनोबल बढ़ाने का काम किया है,बेहड इन मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खंडे है, बाकी सब तो शायद जैसे लक़वे से ग्रस्त हो गये है।