रिपोर्टर- मोहम्मद ज़ाकिर अंसारी हल्द्वानी
हल्द्वानी: आज दिनांक 29 मार्च 2023 को हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में एक जन सम्मेलन आयोजित किया गया। यह जन सम्मेलन इंकलाबी मजदूर केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह जन सम्मेलन साम्राज्यवादी देशों की अगुवाई में हो रही जी-20 की बैठक और मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास के खोखले दावों की असलियत उजागर करने के लिए किया जा रहा है।
वर्ष 2023 का जी-20 का शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में सितम्बर में हमारे देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित हो रहा है। इस दौरान इस शिखर सम्मेलन की तैयारी हेतू जी-20 की दर्जनों बैठकें देश के अलग-अलग राज्यों में होनी हैं। इन्हीं में से एक बैठक विज्ञान पर उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में ढिकुली (रामनगर, नैनीताल) में ताज रिसॉर्ट में हो रही है। 28, 29 और 30 मार्च को हो रही है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि इस बैठक को आयोजित कराने के लिये पंतनगर से लेकर रुद्रपुर और रामनगर तक सड़क किनारे ठेला, फड़-खोखा लगाकर गुजर-बसर करने वाले सैंकड़ों लोगों को प्रशासन ने उजाड़ दिया है। ताकि विदेशियों को देश की असलियत न मालूम पड़े। जबकि वहीं दूसरी तरफ इस बैठक को आयोजित करने में भारत सरकार करोड़ों रूपए खर्च कर रही है। वक्ताओं ने मांग की कि उजाड़े गये सभी लोगों के नुकसान की भरपाई करो और उनके पुनर्वास की व्यवस्था करो।
असल में भारत की मोदी सरकार समेत जी-20 में शामिल सभी देशों की सरकारों के ये नुमाइंदे अपने-अपने देशों की मजदूर-मेहनतकश गरीब जनता का नहीं बल्कि कार्पोरेट पूंजीपतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस जी 20 की बैठक में आर्थिक संकट, पर्यावरण संकट, महिला सशक्तिकरण आदि पर चर्चा की जाएगी। जबकि खुद साम्राज्यवादी देशों की अगुवाई में जी-20 के सभी देशों की सरकारें इन संकटों को बढ़ाने वाली वैश्वीकरण-उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को बढ़-चढ़ कर लागू कर रही हैं। सभी जगह मजदूरों-कर्मचारियों के श्रम अधिकार छीने जा रहे हैं और वेतन-भत्ते, पेंशन और सुविधाओं में कटौती की जा रही है। महिलाओं-छात्रों-नौजवानों पर हमले किए जा रहे है।
जी-20 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है और मोदी सरकार इसे अपनी विशेष उपलब्धि बताते हुये विकास के झूठे दावे कर रही है जबकि वास्तविकता इससे कोसों दूर है।
सच्चाई यह है कि देश में कर्ज जाल में फंसकर किसान तो भविष्य की ना उम्मीदी में है तो नौजवान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं। देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और दलितों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। महिलाओं के लिये तो भारतीय समाज बेहद असुरक्षित हो चुका है। महंगाई और बेरोजगारी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है। हर मोर्चे पर असफल मोदी सरकार एक ओर अंधराष्ट्र्वादी उन्माद में लोगों को उलझा रही है तो वहीं दूसरी तरफ धर्म की अफीम सुंघाकर लोगों को खाली पेट बजने को कह रही है। जबकि सरकार का विरोध करने वालों को देशद्रोही करार दिया जा रहा है और फर्जी मुकदमें लगाकर जेलों में ठूंसा जा रहा है। वक्ताओं ने मांग की कि सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण करना बंद करो और मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड्स रद्द करो।
जन सम्मेलन के अध्यक्ष मंडल में इंकलाबी मजदूर केंद्र के अध्यक्ष खीमानंद, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की अध्यक्ष बिंदू, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के उपाध्यक्ष कैलाश, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के अध्यक्ष पी.पी. आर्या, क्रांतिकारी किसान मंच से आनंद, ठेका मजदूर कल्याण समिति से अभिलाख, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन से अवधेश, राजा बिस्कुट यूनियन से बच्चा प्रसाद, फूड श्रमिक संगठन ने देवेंद्र, इंट्राक मज़दूर संगठन से संयुक्त मंत्री रामेश्वर पटेल, बस्ती बचाओ संघर्ष समिति, बनभूलपुरा से रियासत, नगीना कालौनी बचाओ संघर्ष समिति, लालकुआं से अँचल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से दीवान सिंह खनी, प्रगतिशील भोजनमाता यूनियन से नीता, औधोगिक ठेका मज़दूर यूनियन से नीतेश, प्रगतिशील युवा संगठन से रमेश, सर्व श्रमिक निर्माण कर्मकार संगठन से उमेद राम, भेल मज़दूर ट्रेड यूनियन से उपाध्यक्ष सतवीर, एवरेस्ट वर्कर्स यूनियन से महामंत्री सुनील, सी एंडर्स यूनियन से कार्यकारणी सदस्य महिपाल, भाकपा (माले) से के.के.बोरा, फ़ूड श्रमिक यूनियन कोषाध्यक्ष देवेंद्र, राजा बिस्कुट यूनियन से बच्चा प्रसाद, एवरेडी यूनियन से धर्मानंद, बडवे से जयदेव सिंह, आटोलाइन से राजेन्द्र पटेल, भारतीय किसान यूनियन से सुब्रत विश्वास, वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति से गुरुवचन सिंह ने अपने वक्तव्य रखे। कार्यक्रम का संचालन इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र के महासचिव रोहित, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की महासचिव रजनी और परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महासचिव महेश ने संयुक्त तौर पर किया। कार्यक्रम में डी सी मौर्या, विनोद, हिमानी, हेमा, पूनम, देवेंद्र प्रसाद सिंह, महेश, रीना, विमला, उमेश, अनुराग, शाहजेब अवधेश, मोहन, भूपाल, रमेश, दिनेश, कैलाश, सुरेंद्र, तुलसी सहित सैकड़ों लोग शामिल रहें।