- किसान बोले 2017 से रेरा एक्ट लागू है तब से लेकर आज तक क्यों नहीं करवाई हुई?
- रेरा कानून का वर्गीकरण किया जाना चाहिए जगह और परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा
– कल निकालेंगे किसान महाआक्रोश रैली
रिपोर्टर समी आलम
स्थान- हल्द्वानी
हल्द्वानी में रेरा नियमों के विरोध में उतरी किसान संघर्ष समिति ने प्राधिकरण पर छोटे किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रमुख राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस नेता ललित जोशी सहित कई किसानों ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि प्राधिकरण को रेरा नियमों को वर्गीकृत करना चाहिए जिससे कि छोटे किसानों का उत्पीड़न ना हो सके, अपने जमीनों की खतौनी दिखाते हुए किसान संघर्ष समिति के लोगों ने कहा कि किसानों के बीच जब आर्थिक संकट पैदा होता है तब वह मजबूरी में अपनी जमीन बेचता है ऐसे में जब छोटे किसानों को अपनी जमीन बेचने का अधिकार ही नहीं मिलेगा तो वह मुसीबत के समय क्या करेंगे। लिहाजा किसान संघर्ष समिति कल यानि 19 अगस्त को हल्द्वानी में विशाल ट्रैक्टर रैली निकालेगी।
वहीं इस दौरान प्राधिकरण पर सवालों की बौछार करते हुए ललित जोशी ने कहा कि अगर प्रॉपर्टी डीलिंग को प्रशासन गलत नजर से देखता है तो यह बताएं कि ऐसा कौन सा विधायक और मंत्री नहीं है जो प्रॉपर्टी डीलिंग में इंवॉल्व नहीं रहता। इसके अलावा प्राधिकरण पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 2017 से रेरा एक्ट लागू है तब से लेकर आज तक क्यों नहीं करवाई हुई और यदि कोई किसान गलत है। तो उसमें रजिस्ट्रार की भूमिका, तहसील, उप जिला अधिकारी और नक्शा पास करने वाले सिटी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए केवल किसानों को टारगेट कर उनका उत्पीड़न किया जाना गलत है। पिछले 6 साल से प्राधिकरण ने सारे काम सही किए हैं यदि नहीं तो उनकी भी जांच होनी चाहिए केवल किसान को टारगेट कर अधिकारी अपने आप को बचाना चाहते हैं। ललित जोशी ने कहा कि वह शहर के समग्र विकास के लिए रेरा का स्वागत करते हैं लेकिन रेरा एक्ट के वर्गीकरण में यह बदलाव किया जाना चाहिए।