रिपोर्टर – अमर सिंह यादव
सितारगंज पर्वतीय सांस्कृतिक विकास समिति द्वारा आयोजित पर्वतीय रामलीला परिसर के रंग मंच पर स्थानीय कलाकारों द्वारा अंगद रावण संवाद और लक्ष्मण शक्ति का आकर्षक तरीके से मंचन किया। मेघनाथ ने लक्ष्मण पर धोखे से ब्रह्माशक्ति बाण चलाया, जिससे वह अचेत हो गए। लक्ष्मण के मूर्छित होते ही राम दल में अशोक की लहर दौड़ गई रामलीला में व लक्ष्मण शक्ति व अंगद रावण संवाद प्रसंग के मंचन ने सभी दर्शकों को व्याकुल कर दिया। वहीं छोटे भाई के लिए प्रभु श्रीराम को विलाप करता देख दर्शकों की आंखे भर आई। रंगमंच पर बच्चे बड़े लक्ष्मण व श्री राम को व्याकुल देख श्रोता भाव विभोर हो गए मंचन के अगले प्रसंग में श्री राम दूत हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आए तो लक्ष्मण मूर्छा से बहार आए इस दौरान हनुमान ने संकट मोचन बनकर अपने प्रभु की जान बचाई। लक्ष्मण को मूर्छा से उठता देख कर पंडाल में प्रभु श्रीराम और हनुमान जी के जय-जयकार होने लगी। पिछले प्रसंग में रावण के सीता को हर लेने व लंका दहन के बाद श्री राम की सेना व रावण की सेना के बीच ठन जाती है रावण प्रभु श्रीराम से युद्ध करने की तैयारी करता है। इस दौरान रावण के दरबार में अंगद प्रभु श्रीराम के शांति दूत बनकर पहुंचते हैं। अंगद रावण को समझते हैं कि दुराचार पाखंड व पाप करना बंद कर दे अभी भी तेरे पास समय है प्रभु श्री राम से संधि कर ले अंगद रावण से कहते हैं कि माता सीता को लौटा दो और प्रभु की शरण में आ जाओ। लेकिन अहंकार से चूर रावण अंगद का उपहास करता है रावण को खूब खरी-कोटी सुनने के बाद रामदूत अंगद अपना पैर जमीन में जमाते हैं और रावण सी को ऐलान करते हैं कि अगर किसी में ताकत है तो मेरा पांव हिला के दिखाओ कोई भी उनका पैर डिगा नहीं पाता। अंत में रावण के उठने पर अंगद कहते हैं कि अगर पैर पकड़ने हैं तो श्रीराम के पकड़ो तेरा उद्धार होगा। ऐसा सुनकर रावण लज्जित होता है और अंगद रामदल में पहुंच जाते हैं। वानरसेना लंका पर चढ़ाई कर देती है। रावण अपने पुत्र मेघनाद को भेजते हैं। मेघनाद लक्ष्मण पर शक्ति से प्रहार करते है और लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। लक्ष्मण को ब्रह्माशक्ति लगने से पूरी वानर सेना शोक में डूब गई। भाई को मूर्छित देख प्रभु राम अपने भ्राता को गोद में लिए विलाप करने लगे। इस संवाद ने सभी दर्शकों को भावविभोर कर दिया। प्रभु श्री राम को विलाप करता देखकर दर्शकों के भी आंखे भर आई। हनुमान जी सुषेन वैद्य को लाते हैं जो संजीवनी लाने को कहते हैं। हनुमान संजीवनी लेने जाते हैं जिसे देख दर्शक प्रसन्नता से झूम उठते हैं। संजीवनी से लक्ष्मण की मूर्छा खुलती है। इस दौरान रामलीला मैदान में चारों तरफ प्रभु श्री राम और हनुमान जी के जयकारे गूंजने लगते हैं। आपके लीला का आकर्षण का केंद्र रहा अंगद रावण संवाद अंगद की भूमिका में वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी कमल जोशी तो रावण की भूमिकामें सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर धीरेंद्र पन्त मैं अपने शानदार अभिनय से पंडाल में बैठे राम भक्तों को भाव विभोर कर दिया हनुमान की भूमिका में कमल तिवारी तो लक्ष्मण की भूमिका में सूरज जोशी विभीषण की भूमिका में संजय कांडपाल तो प्रभु श्री राम की भूमिका में नीरज जोशी मेघनाथ की भूमिका में आनंद बल्लभ भट्ट तो सुशांत विद्या की भूमिका में भुवन जोशी वी बसंत आर्य ने शानदार अभिनय किया कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने पंडाल में बैठकर रामलीला का आनंद लिया और दर्शकों का उत्साहवर्धन किया इस दौरान सैकड़ो राम भक्तों के साथ समिति के अध्यक्ष गोपाल सिंह बिष्ट , उपाध्यक्ष अम्बा दत्त मौनी, प्रकाश भट्ट,दीपचंद भट्ट,दीपू जोशी,हेमंत बोरा,ललित डीके पन्तोला मैनाली,नंदा बल्लभ जोशी,राजेंद्र सिंह बिष्ट,भुवन गडकोटी,बद्री दत्त नगदली,सतीश उपाध्याय,आनंद बल्लभ भट्ट,प्रकाश बोरा,इंद्र मेहरा,हेमंत बोरा,राजू ,जगदीश गुरुरानी,,मदन परिहार,प्रेम सिंह गौनिया सुरेश जोशी आदि मौजूद रहे।

