रिपोर्टर-मुस्तज़र फारूकी
हल्द्वानी। भवाली रोड स्थित जोलीकोर्ट वीरभट्टी मदरसा अंजुमनइकरा में पढ़ाई पूरी कर हाफिज बने सात बच्चों की दस्तारबंदी की गई। बच्चों को प्रमाणपत्र और कुरान व नजराना देकर सम्मानित किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस दौरान हुई तकरीर में उलेमा हज़रत सैयद मोहम्मद, अफ्फान मनसूरपुरी
ने मुसलमानों के तालीम के जागरूक होने की नसीहत की।जोलीकोर्ट वीरभट्टी में मदरसा में
अंजुमनइकरा में शनिवार की सुबह 10 बजे से देर शाम असर तक जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें मदरसे से हाफिज बने सात बच्चों की दस्तारबंदी (पगड़ी पहनाना) की गई। इसके बाद बतौर मुख्य अतिथि हज़रत मुफ़्ती सैयद मोहम्मद, अफ्फान मनसूरपुरी ने तकरीर करते हुए कहा कि इस्लाम में शिक्षा को महत्व दिया गया है। इसका यह मतलब नहीं है कि सिर्फ धार्मिक शिक्षा ही दी जाए। मजहबी शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी जरूरी है। ताकि मदरसे से निकला हुआ छात्र भी और आगे की तालीम हासिल कर अपना भविष्य बना सके। उन्होंने मुसलमानों का आह्वान किया कि वह खुद तो शिक्षित हो और मुसलमानों को भी शिक्षित करें। उन्होंने हाफिज बने बच्चों को दुआएं दीं। कार्यक्रम की सदारत हाफिज इब्राहिम जोलीकोर्ट वीरभट्टी मदरसा अंजुमनइकरा
मदरसा शहर मौलाना हारून ने की। जबकि स्वागत और शुक्रिया
इन दौरान हल्द्वानी शहर काजी मौलाना अब्दुल बासित, जमीअत उलेमा हिंद के नैनीताल जिले के सदर जनाब मौलाना मुस्तफा , मौलाना जलीस अहमद कासमी नायब सदर जमीयत उलेमा ए हिंद उत्तराखंड,अब्दुल कादिर फार्मर सेक्रेटरी जमीअत उलेमा हिंद उत्तराखंड, मौलाना आजाद कासमी नायब सदर जिला नैनीताल , हाफिज कादिर मोईद सदर जमीअत उलेमा हिंद, मोहम्मद नदीम हसन, शहर हल्द्वानी द्वारा इस्तकबाल किया गया और मौलाना ने जलसे में मौजूद सैकड़ों ने दुआ में हाथ उठाकर अल्लहा से अपने लिए और सारे आलम के लिए मगफिरत की दुआ की।

