रिपोर्टर- ज़फर अंसारी
हल्द्वानी- सरकार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के प्रयास कर रही है और दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सक गरीब मरीजों को कमीशन के चक्कर में लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं इस सिस्टम से खफा होकर एक युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर अपना दर्द बयां किया है। उसने एसटीएच में तैनात सरकारी चिकित्सक पर गंभीर आरोप लगाए है वीडियो में मोहित बिष्ट ने कुमाऊं के सबसे बड़े डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल पर निशाना साधते हुए यहां तैनात एक न्यूरो सर्जन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
मोहित ने वीडियो में कहा कि उसके पिता पहाड़ से गिर गए थे। उनके शरीर में काफी चोटें आई थीं। पहले उन्हें हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में दिखाया गया। सिर में दर्द होने पर सिटी स्कैन कराया तो चिकित्सक ने न्यूरो सर्जन को दिखाने को कहा। इस पर पिता को लेकर मुखानी स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे। यहां चिकित्सक ने आपॅरेशन करने की बात कही। खर्चा अधिक होने पर वह पिता को लेकर 14 अप्रैल को सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए।
यहां न्यूरो सर्जन ने तुरंत ऑपेरशन की बात कही और खून का इंतजाम करने को कहा। साथ ही सामान की लंबी चौड़ी लिस्ट थमा दी और सारा सामान मुखानी स्थित एक मेडिकल स्टोर से लाने को कहा आरोप है कि चिकित्सक ने 15 अप्रैल को दोबारा ऑपरेशन के लिए कहा और फिर उसी मेडिकल स्टोर से सामान मंगाया। सामान को लाने में उसके 60 से 70 हजार रुपये खर्च हो गए। इसके बाद 16-17 अप्रैल को फिर ऑपरेशन की बात कही। काफी दिन तक पिता का अस्पताल में इलाज चलता रहा और आखिर में 2 मई को उनका निधन हो गया।