राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन
आंकड़े साक्षी हैं कि भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। प्रभात उपरेती। (मुख्य अतिथि)
कोटाबाग। राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग नैनीताल के अर्थशास्त्र और भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आज राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का आयोजन किया गया । राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में वर्चुअल स्तर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राजनीति विज्ञान के भूतपूर्व प्रोफेसर प्रभात उप्रेती जी उपस्थित रहे। प्रभात उप्रेती जी जो पर्यावरणविद भी हैं और उत्तराखंड में पॉलिथीन बाबा के उपनाम से जाने जाते हैं ,उन्होंने अपने मुख्य अतिथि संबोधन में कहा कि आज हर क्षेत्र में छात्राएं आगे हैं, और भारत में चलन बदल रहा है ,आज महिला सशक्तिकरण सही मायनों में चरितार्थ हो रहा है ,आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही हैं, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के अवसर पर हम सब का यह दायित्व बन जाता है कि हम सांख्यिकी को न केवल समझें, सुने ,महसूस करें बल्कि हम इसे अपने जीवन में भी उतारे। और इसका प्रयोग जीवन के प्रत्येक क्षण और प्रत्येक पल में करें । कोई भी अनुसंधान कोई भी शोध बगैर सांख्यिकी के संभव नहीं है , सांख्यिकी का अपना महत्व है और हमें इस महत्व को ना केवल समझना होगा बल्कि आम जनमानस को सांख्यिकी के महत्व को समझाना भी होगा और इस हेतु जन जागरूकता अभियान भी करना होगा। प्रोफेसर प्रभात उप्रेती जी ने संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय परिवार आयोजक प्राचार्य प्रोफेसर नवीन भगत जी आयोजक डॉ हरीश चंद्र जोशी मुख्य वक्ता डॉ परितोष उपरेती का विशेष धन्यवाद अदा किया । कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता भूगोल विभाग के प्राध्यापक डॉ परितोष उपरेती जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस भारत में हर साल 29 जून को मनाया जाता है। यही वह दिन है जिस दिन प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म हुआ है और भारतीय सांख्यिकीय संस्थान का भी जन्म हुआ है इसी उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष 29 जून को यह दिवस मनाया जाता है और इस दिवस का उद्देश्य दैनिक जीवन में सांख्यिकी के उपयोग को लोकप्रिय बनाना नीति निर्माण में सांख्यिकी के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना है । उन्होंने कहा कि सांख्यिकी जीवन के हर क्षेत्र में कार्य करती है, चाहे वह चिकित्सा का क्षेत्र हो, चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो ,चाहे वह योजना का क्षेत्र, हो चाहे वह आर्थिक, सामाजिक ,विकास का क्षेत्र हो हर क्षेत्र में सांख्यिकी की आवश्यकता आंकड़ों की आवश्यकता हम सब को अवश्य पड़ती है । हमारे नीति निर्माता बगैर आंकड़ों के बगैर सांख्यिकी के देश के विकास के हित में नवीन योजनाओं का निर्माण नहीं कर सकते हैं ।
कार्यक्रम में बतौर वक्ता बोलते हुए प्रियंका गरजौला ने कहा कि सांख्यिकी की भूमिका को विशेष रूप से युवा पीढ़ी के मध्य लोकप्रिय बनाना ,जन जागरूकता को बढ़ाना ही सांख्यिकी दिवस का मुख्य उद्देश्य है ।
शिखा नेगी ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पहली बार 2007 में मनाया गया था ।तब से निरंतर सेमिनार, प्रतियोगिता, गोष्टी आदि के माध्यम से इस दिवस को प्रत्येक वर्ष 29 जून को मनाया जाता है । यह दिन प्रोफेसर पीसी महालनोविस की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है ।
शिवानी आर्य ने कहा कि प्रोफेसर महालनोबिस को हम उनके दूरी की खोज, नमूना सर्वेक्षण, पायलट सर्वेक्षण, और नमूना करण विधियों के प्रयोग के लिए सदैव याद रखेंगे ।
अंजली आर्य का कहना था कि कि यह दिवस हमें याद दिलाता है कि सांख्यिकी एक महत्वपूर्ण विज्ञान है , जो हमारी समाज और विकास को सशक्त बनाने में सहायता करता है ।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रोफेसर नवीन भगत जी ने कहा कि इस दिवस पर हमें सांख्यिकी के महत्व को समझना चाहिए , इसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में कैसे कर सकते हैं ,सांख्यिकी के माध्यम से आंकड़े एकत्रित करना ताकि बेहतर निर्णय लिए जा सके। वह समस्या का समाधान कर सके। सांख्यिकी के उपयोग से हम सामाजिक ,आर्थिक व वैज्ञानिक क्षेत्रों में नए और विशेषज्ञता पूर्ण विचारों का निर्माण कर सकते हैं। कार्यक्रम के आयोजक और संचालक डॉ हरीश चंद्र जोशी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से इस वर्ष राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 2023 की थीम है योजना और विकास प्रक्रिया तथा रोजमर्रा की जिंदगी में सांख्यिकी के महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ाना है ।
2022 में यह थीम सतत विकास के लिए डाटा थी
जबकि 2021 में भुखमरी समाप्त करना , खाद सुरक्षा, सतत कृषि विकास को बढ़ावा देना था ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस को पीसी महालनोविस की जयंती के उपलक्ष में मनाया जाता है । वह एक वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सांख्य विद भी थे। और पहले योजना आयोग के सदस्यों में से एक थे । विचार गोष्ठी में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय आंवला बरेली रुहेलखंड विश्वविद्यालय से डॉ अर्चना पांडे , राजकीय महाविद्यालय गरुड़ाबाज से डॉक्टर मनोज भोज , मानस स्थली विद्यापीठ बरेली से प्रभात उपाध्याय , शिक्षिका ललिता जोशी, प्रियंका ,गुंजन ,दीपिका, धीरज ,रिंकू ,प्रियंका बिष्ट ,निलाक्षी जीना ,के साथ-साथ गृह विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ सुनीता बिष्ट, अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डॉ बिंदिया राही सिंह, हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ भावना जोशी प्रमुख रूप से विचार गोष्ठी में उपस्थित रही अर्थशास्त्र के शोध छात्र और वासुदेव लॉ कॉलेज के अर्थशास्त्र के प्राध्यापक कपिल नैनवाल भी गोष्टी में उपस्थित रहे।