सम्पादक मुस्तज़र फारूकी
कालाढूंगी विधानसभा से भाजपा अगर चेहरा नही बदलती है तो मुश्किल हो सकती भाजपा के लिए राह
कालाढूंगी विधानसभा में सीट से दो बार आपसी फूट में पिछड़ी कांग्रेस दो बार हार का मुँह देखना पड़ा कांग्रेस को
कालाढूंगी भाजपा इस बार कालाढूंगी लोकल प्रत्याशी सुरेश भट्ट पर दाऊ खेलती है तो। भारी बहूमत से विजय हासिल कर सकती है अन्यथा अन्य किसी प्रत्याशी को मैदान में उतरती है तो भाजपा को इस बार विजय हासिल करना आसान नही होगा। क्योंकि इस बार कालाढूंगी की जनता अपने बीच के प्रत्याशी को विधायक के रूप में देखना चाहती है। इस लिए कालाढूंगी निवासी व हरियाणा में अपने दम पर कई बार भाजपा सरकार बनने दम रखने बाले हरियाणा के पूर्व प्रदेश संघटन मंत्री व वर्तमान में उत्तरखंड भाजपा में प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट को कालाढूंगी क्षेत्र से भरपूर समर्थन मिल रहा है। ऐसे में अगर भाजपा किसी और को प्रत्याशी बनाती है तो। कालाढूंगी क्षेत्र से भाजपा के पक्ष में कम मतदान होने की संभावना है। जिस कारण अन्य पार्टी इसका लाग उठा सकती है।क्यूकी पिछली दो विधानसभा चुनाव में बंशीधर भगत ही कालाढूंगी से विधायक के रूप में चुने गए है। और उनपर हमेशा कालाढूंगी क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगता रहा है। इस लिए जनता इस बार कोई दूसरा चेहरा देखना चाहती है। बताते चले की राजनीतिक से जुड़े लोगों का कहना है कि 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में बंशीधर भगत की विजय हासिल करने की बजहा कांग्रेस की आपसी फूट रही है। अगर इस बार कांग्रेस
आपसी फूट को सुलझाने में कामयाब रहती है तो इस बार कांग्रेस विजय हासिल कर सकती है।