कालाढूंगी भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अमीर चंद्र कंबोज के नेतृत्व में मंगलवार को कोटाबग ब्लॉक के सैकड़ों किसानों ने दर्जनों टेक्टरों के साथ बैलपड़ाव से किसान महासभा आंदोलन रैली निकाली जो कालाढूंगी तहसील पहुंचे जहाँ महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम एसडीएम गौरव चटवाल को ज्ञापन भी सौपा। उसके बाद एक घंटे चले किसानों के संबोधन में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हमला बोला कहा कि सरकार किसानों को कुचलने पर आमादा हैं, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये तानाशाह रूप से कार्य कर रहे हैं। किसान आंदोलन को दबाने से स्पष्टतः जाहिर हो चुका है कि ये दोनों भाजपा सरकारें पूंजीपतियों के साथ हैं व उनकी मुनाफाखोरी सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आवाज दबाना चाहती हैं, जिसे देश का मजदूर-किसान कतई मंजूर नहीं करेगा। केंद्र सरकार किसान विरोधी नीतियां लाकर किसानों को कुचलना चाहती है। उन्होंने देश के किसानों को ऐतिहासिक आंदोलन के लिए बधाई दी है, जिसमें करोड़ों किसान शामिल हो चुके हैं। लाखो किसान ट्रैक्टरों के साथ आंदोलन के मैदान में हैं। सरकार की लाठी, गोली, आंसू गैस, सड़कों पर खड्डें खोदना, बैरिकेड व पानी की बौछारें भी किसानों के होंसलों को पस्त नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने किसानों के साथ मजदूरों की एकजुटता का आह्वान किया है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानून पूर्णतः किसान विरोधी हैं। इसके कारण किसानों की फसलों को कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए विदेशी और देशी कंपनियों और बड़ी पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश रची जा रही है। इन कानूनों से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा समाप्त कर दी जाएगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम के कानून को खत्म करने से जमाखोरी, कालाबाजारी व मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा। इससे बाजार में खाद्य पदार्थों की बनावटी कमी पैदा होगी व खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे।किसान नेता महासचिव भगवान रौतेला ने कहा कि जब से कृषि कानून आए हैं तब से सरकार दुष्प्रचार कर रही है। किसान इस बात को अच्छे तरीके से जानते हैं कि ये कानून किसानों के लिए मौत के फरमान हैं ।उन्होंने कहा कि किसान 3 महीने से आंदोलित हैं और इतनी ठंड में आंदोलन कर रहे हैं किसान नेता अर्णव कंबोज ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे पर संवेदनशील नहीं है. उन्होंने कहा कि ठंड में बच्चे और बुजुर्ग किसान सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार असंवेदनशील तरीके से व्यवहार कर रही है. किसान नेता राहुल पंत ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। और 9 दिसम्बर तक कृषि विल बापस नही लिया तो उत्तराखंड के सभी जिले के किसान दिल्ली को कुच करंगे। इस दौरान दीप चन्द्र सती,तारा सिंह नेगी, मुकेश बिष्ट, कुलदीप तड़ियाल, जनरैल सिंह, दिनेश चंद बधानी, साबिर हुसेन, दिलबाग सिंह, मनोज जोशी, राम सिंह, गौरव बीहट, जसवंत सिंह, सोहन लाल, अशोक कुमार, प्रतिम सिंह, बलविन्दर सिंह, करमजीत सिंह, आदि सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद थे।