



संपादक मुस्तज़र फारूकी
कालाढूंगी पूरे देश मे कोरोना महामारी को हराने के लिए डॉक्टरों के साथ-साथ हमारी पुलिस भी यौद्धा की तरह मैदान में डटी हुई है। अपनी सुरक्षा की चिता किए बिना पुलिस 14 से 16 घंटे बिना आराम किए बखूबी अपनी ड्यूटी कर कर रहे है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ लॉकडाउन का पालन करवाना भी पुलिस की प्राथमिकता है। ऐसे में कालाढूंगी में तैनात एएसआई नितिन बहुगुणा भी बधाई की पात्र हैं। और इन्हें कोरोना के असली योद्धा भी करार दिया गया है। पूरे हम उत्तराखंड की बात करे तो ये महिला पुलिस कर्मी मैदान में उतरकर कोरोना को हराने के लिए फ्रंटलाइन पर डटी हुई हैं। पुलिसकर्मी महिला क्या कहती हैं कि इस समय कोरोना के संक्रमण से दूसरों को बचाने के लिए पुलिस के सामने खुद को बचाना भी चुनौती से कम नहीं है। इन हालात में जिले की महिला पुलिस भी अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रही है। महिला पुलिस को तो पहले ड्यूटी के दौरान देश सेवा और ड्यूटी के बाद घर जाकर घर वालों की सेवा भी करनी होती है। ऐसे में महिला पुलिस की तो यह डबल ड्यूटी कही जा सकती है। कालाढूंगी थाने में तैनात आधा दर्जन कांस्टेबल को कोरोना योद्धा की लड़ाई में ड्यूटी पर एकाध बार तो समय पर खाना भी नसीब नहीं होता, बावजूद उनके जज्बे में किसी तरह की कमी दिखाई नहीं दे रही। इन पुलिस कर्मियों को समाज भी सलाम कर रहा है और लोग कह रहे हैं कि ऐसी महिला पुलिस वाकई में प्रेरणा का स्त्रोत हैं, जो अपनी सेहत का ख्याल न रखते हुए भी देश सेवा में पूरी तन्मयता से जुटी हुई हैं।

