कालाढूंगी। यौमे आशुरा पर ताजिया निकाल किया हुसैन की शहादत को किया याद मुहर्रम कमेटी के तत्वावधान में मनाए जाने वाले मुहर्रम का जुलूस कोरोना संकट के चलते इस बार भी मोहर्रम घरों में ही मनाया गया। सरकार द्वारा मोहर्रम की गाइडलाइन जारी करते हुए मुहर्रम के जुलूस, ताजिया और अखाड़ों पर रोक लगाई गई थी। हालांकि एक मजलिसों में 10 लोगों के शामिल होने और घरों में ताजिया रखने की भी छूट दी गई है। शुक्रवार को मोहर्रम शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न हो गया। मोहर्रम के अवसर पर मुस्लिम समाज की ओर से हजरत इमाम हुसैन की शहादत दिवस के रूप में मात्र 10 लोग ही शामिल हुए और उनकी याद में ताजिया निकाला गया। अकीदत के साथ मनाए गए मोहर्रम के अवसर पर मुस्लिम समाज के में युवाओं पुरुषों बच्चों व महिलाओं ने हुसैन की शहादत को याद कर गम का इजहार किया। इस अवसर पर शाम 6 बजे स्थानीय ताजिया चौक पर रखकर लोगो के द्वारा सबील शरबत वितरण किया गया ताजियों के साथ लगभग 10 लोग रवाना हुए इसके साथ में कुछ पुरुष बच्चे भी शामिल रहे। ताजिये के जुलूस में साथ चल रहे लोगों को जगह जगह स्थानीय लोगों ने शरबत वितरण किए इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देर रात्री ताजियों को बोरपुल स्थित करबला मे दफन किया इस दौरान अब्दुल सलाम, अलाउद्दीन अहमद, जलालुद्दीन, रईस अहमद, अलीम अहमद, जलाल, आदि कमेटी के लोग मौजूद थे