


ब्यूरो चीफ :- शादाब अली बरेली

बीस लाख के पुराने नोट नए कराने के लिए तांत्रिक के पास आए थे कार सवार।

रुद्रपुर निवासी मुख्य आरोपी प्रॉपर्टी डीलर फरार, तांत्रिक की भी तलाश।
फरीदपुर (बरेली)। गुरुवार रात कस्बे में बीस लाख के पुराने नोटों के साथ पकड़े गए कार सवार पांच लोग यहां एक तांत्रिक के पास आए थे। इनके फरार साथी ने ही उन्हें भरोसा दिलाया था कि तांत्रिक तंत्र विद्या से इन नोटों को नए नोटों में बदल देगा। शुक्रवार को दिन भर कई एजेंसियों की पूछताछ के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
गुरुवार रात ईंट भट्ठा तिराहे पर चेकिंग के दौरान इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने एक स्लेटी रंग की डस्टन कार को रुकवाया था। कार बरेली से शाहजहांपुर की ओर जा रही थी। कार रुकते ही उसमें सवार पगड़ीधारी शख्स भाग गया, जबकि पुलिस ने कार में बैठे पांच लोगों को पकड़ लिया। तलाशी लेने पर कार में बीस लाख रुपये के बंद हो चुके पुराने नोट मिले। पुलिस सभी को थाने ले गई। पूछताछ में इन लोगों ने अपना नाम-पता बदायूं जिले के दातागंज के गांव सिरसा निवासी सुरेश, गांव वैधपुर थाना खजुरिया रामपुर निवासी देवेंद्र सिंह, गांव खेडा थाना दिनेशपुर जिला रुद्रपुर निवासी विकास, गांव चंदननगर थाना दिनेशपुर निवासी सुखदेव, गांव कालीनगर थाना दिनेशपुर निवासी जयदेव बताया। देवेंद्र ने बताया कि रामपुर के थाना बिलासपुर के गांव लक्ष्मीपुर का गुरमेज भाग गया।
यह रुपये गुरमेज ने ही कहीं से जुटाए थे। इन्हें फरीदपुर में वह एक तांत्रिक के पास लेकर जा रहा था। गुरुमेज ने बताया था कि तांत्रिक अपनी तंत्र शक्ति से यह रुपये नए नोटों में बदल देगा। गुरमेज ने उन लोगों को भी एक-एक लाख रुपये देने का वादा किया। लालच में वे उसके साथ कार में बैठकर यहां चले आए। उन्हें नहीं पता था कि यहां आकर वे फंस जाएंगे।
रुद्रपुर में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है गुरुमेज
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मुख्य अभियुक्त गुरुमेज सिंह की तलाश में दबिश दीं, लेकिन उसका पता नहीं लगा। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि गुरुमेज सिंह रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है।
कई टीमों ने की पूछताछ
पुलिस के साथ ही आयकर, आईबी, एलआईयू, एटीएस और इंटेलिजेंस की कई टीमों ने आरोपियों से थाने में पूरे दिन पूछताछ की। एक ही तरह के सवाल कई बार अलग-अलग अफसरों ने किए, लेकिन हर बार तांत्रिक की कहानी ही सामने आई। इसके बाद आरोपियों की बताई तांत्रिक की कहानी को ही सही मान लिया गया।
किसी बैंक अफसर से तो सेटिंग नहीं
पुलिस के खुलासे से घटनाक्रम उलझ गया है। इतने पढ़े लिखे लोग किसी तांत्रिक के कहने पर क्यों यकीन कर रहे थे, यह बात गले नहीं उतर रही। कस्बे के एक तांत्रिक का नाम औपचारिक तौर पर लिया जा रहा था पर पुलिस ने रिपोर्ट में तांत्रिक का नाम शामिल नहीं किया और न ही उसे फरार दिखाया है। चर्चा है कि घटनाक्रम में किसी बैक के अधिकारी या कर्मचारी की तो भूमिका तो नहीं है, पुलिस भी इससे इंकार नहीं कर रही है।
