



संपादक मुस्तज़र फारूकी
कालाढूंगी।भारतीय और चीनी सैनिकों में हुई हिसंक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद देश के लोगों में गुस्सा है। चीन की इस कायराना हरकत के खिलाफ जिले में भी जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं और चीन से बदला लेने की मांग की जा रही है। वहीं घटना में शहीद सैनिकों को विभिन्न संगठनों व आम लोगों की ओर से श्रद्धांजलि भी दी जा रही है। गुरुवार को वार्ड छ; में शहीद ऊधम सिंह पार्क में व्यपरियो ने शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को फूल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर दो मिनट का मौन भी रखा गया।
व्यपरियो ने चीनी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। और भारतीय सीमा में घुुस कर जवानों पर हमला करने की घटना को निदंनीय बताया। रोष प्रकट करते हुए कहा चीन की फौज ने भारतीय सीमा में घुसकर जिस तरह से घटना को अंजाम दिया है, वो बर्दाशत करने योग्य नहीं है। भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि चीन को सबक सिखाने के लिए कड़ा कदम उठाया जाए।
वहीं चीन की नापाक हरकत पर कड़ा जवाब देने की मांग की। कांग्रेस नेता हरीश मेहरा ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 56 इंच के सीने की बात करने वाले नेता चीन की ऐसी हरकत पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। व्यपरियो ने रक्षामंत्री से चीन को कड़ा जवाब देने की मांग भी की। युवा व्यपार मंडल अध्यक्ष भुवन पांडेय ने कहा चीन की ऑनलाइन एप को फोन से डिलीट करते हुए लोगों से भी किसी भी चीन निर्मित एप का इस्तेमाल न करने की अपील की। वहीं निर्मित सामानों का बहिष्कार करते हुए उन्हें कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए प्रदर्शन के दौरान दीपक बानोला ने कहा कि एलएसी पर चीनी सेना की बर्बरता की निंदा करते हैं। जिसका कड़ा जबाब चीन को दिया जाएगा। कहा कि सेना के साथ पूरा देश खड़ा है। कहा कि समय आ गया है कि चीन को सबक सिखाने और शहीद हुए फौजियों को श्रद्धांजलि देने के लिए चीन निर्मित सामानों का बायकॉट करें। सभासद पति मुस्तज़र फारूकी ने कहा कि देश के लिए शोक की घड़ी है। पूरा देश सेना के साथ खड़ा है। शहीद जवानों की परिजनों के साथ सांत्वना भी प्रकट की। चीन के खिलाफ शांत नही हुआ लोगों में गुस्सा, पूरे देश मे पुतला जलाकर लोगो ने जताया रोष इस दौरानहरीश मेहरा भुवन पांडे पुष्कर खनायत, संजय बुधलकोटी, कैलाश, दीपक बनोला, अनिल मेहरा, चंद्रशेखर कांडपाल, राकेश भंडारी, नवीन सती,नवीन शर्मा,मनोहर, मनोज रावत, हरीश नाथ, भुवन सेनी, आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।

