ब्यूरो रिर्पोट : शमशाद उस्मानी
बरेली 26 अगस्त शनिवार महानगर में कांवड यात्रा को लेकर विवादित रहे जोगी नवादा में अंतिम सोमवार को भी कांवड़ यात्रा की प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के कारण कांवड यत्रा नहीं निकल पाएगी। जोगी नवादा कांवड समिति के महंत राकेश कश्यप ने तीसरी बार शाह नूरी मस्जिद के सामने से कांवड़ यात्रा निकालने के आवेदन किया था।परंतु प्रशासन ने इस कांवड़ यात्रा के परंपरागत न होने और इसके निकलने से शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुऐ अनुमति देने से इन्कार करते हुऐ आवेदन को निरस्त कर दिया। भाजपा के स्थानीय बड़े नेताओं ने विवादित मार्ग से कावड़ यात्रा निकालने की अनुमति दिलाने की काफी मशक्कत की पंरतु प्रशाशन ने किसी भी विवादित जगह से नई परम्परा न डालने का हवाला देकर आवेदन को निरस्त कर दिया।जोगी नवादा में शाह नूरी मस्जिद के सामने से नई परम्परा के तहत कांवड़ यात्रा निकालने के दौरान 23 जुलाई को काफी विवाद हुआ था। दूसरे समुदाय के विरोध के बाद पथराव हुआ तो पुलिस ने जैसे तैसे स्थिति को संभाला।23 जुलाई के विवाद की चिंगारी पूरी तरह बुझी भी नहीं थी कि इसके बाद 30 जुलाई को फिर कांवड़ यात्रा निकालने के दौरान दोबारा विवाद होगया। दोनों समुदायों के आमने सामने आने से हालात बेकाबू होते देख पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ना पड़ा था। मामला शासन तक पहुंचा तो मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी कर दिए कि किसी विवादित स्थल से नई कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति न दी जाए।इधर, जोगी नवादा में कांवड़ यात्रा निकालने की कोशिश लगातार की जाती रही। भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल समेत कई पदाधिकारियों ने भी इसके लिए जमकर पैरवी की लेकिन प्रशासन अनुमति देने के लिए तैयार नहीं हुआ। जोगी नवादा कांवड़ समिति के महंत राकेश कश्यप ने अनुमति के लिए पहले दो बार आवेदन किया था लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी।
अब कांवड़ यात्रा की अनुमति के लिए तीसरी बार आवेदन किया गया, प्रशासन ने अब उसे भी खारिज कर दिया है। अपर नगर मजिस्ट्रेट नहने राम ने बताया कि नूरी मस्जिद के सामने से कांवड़ यात्रा कभी नहीं निकली है। इसीलिए अनुमति के आवेदनों को निरस्त किया गया है। महंत के तीसरे आवेदन पर भी पुलिस से जांच कराई गई थी।रिपोर्ट पक्ष में न हाेने की वजह से आवेदन निरस्त कर दिया गया है।