ये मांगे जनमानस जनहित के लिए ज़ल्द ही पूरी की जाएं
ब्यूरो रिपोर्ट ज़ाकिर अंसारी हल्द्वानी
राष्ट्रीय पर्यावरण राजदूत अंजुम क़ादरी
आज जिस तरह से देश के हालात हैं । आपको बताते चलें अंजुम कादरी,अपनी दिल की बात सरकार तक पहुंचाना चाहती हैं। अपने दिल की बात को कलम बंद किया है।
1947 से 2021 तक 35000 लोग देश के प्रति शहीद हुए हैं उन सब के परिवारों को एक सरकारी नौकरी हो और अनुदान राशि भी मिलनी चाहिए।
जबकि पिछले 5 वर्ष से अब तक 634 लोग शहीद हुए हैं और 800 से अधिक किसान आंदोलन में लोग शहीद हुए हैं पिछले 5 वर्ष में बीएपीएफ के कुल 355 जवानों को शहादत मिली 2019 में 88 जवानों की शहादत हुई इसी तरह 2016 और 2017 में क्रमांक 76 ,67 और 2020 में 48 जवान शहीद हुए।
हमारी सरकार ने सहानुभूति प्राप्त करने के लिए।
23 मार्च शहीद दिवस के रूप में रखा है।
लेकिन मैं सरकार से यह सवाल करती हूं।
क्या सरकार ने उन शहीद वीरों के परिवार में जाकर उनके मानी हालात को जानने की कोशिश की है?
में वरुण गांधी जी का धन्यवाद करती हूं।
उन्होंने मेरी मांग सुनकर सबसे पहले अपनी पेंशन और भारत के सभी नेताओं की पेंशन खत्म हो जैसी मांग कर ली।
मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है।
वरुण गांधी जी जैसे बड़े लीडर ने मेरी मांग को मेरी आवाज़ को अपनी आवाज़ बनाया।
अपील है और भी सारे भारतीय विधायक सांसद से वह भी पेंशन मुक्त होने का निर्णय लें।
मैंने यह जो मांग की है इसमें मेरा कोई स्वार्थ नहीं है क्योंकि न मैं लीडर हूं।
न मैं विधायक हूं न सांसद हूं।
लेकिन यह जनमानस का पैसा है और इससे जनता का ही कल्याण होना चाहिए।
विधायक सांसद तो यूं भी अपना भरण-पोषण अच्छी तरह से कर लेते हैं।
हमारी दूसरी मांग है। भारतीय जितनी भी सरहदें हैं उन सब पर दीवारें होनी चाहिए। जिससे कि वीर जवानों को अपनी जान न देनी पड़े वह अपने मुखालिफ का डटकर सामना कर सकें।
क्योंकि हम जो चैन अमन और सुकून की सांस ले रहे हैं वह सब हमारी सरहदों पर जो वीर जवान हैं उन्हीं का ही बलिदान है।
यदि सरहदों पर हमारे वीर जवान अपने बलिदान की आहुति न दें मेहनत मशक्कत से न रहें तो घुसपैठिए हमारे देश में प्रवेश कर जाएंगे और भारत के अंदर जान माल की भारी हानि होगी।
इसीलिए भारत सरकार को जितनी ज़ल्दी हो सके भारतीय सारी सरहदों पर दीवारें चुनवा देनी चाहिए।
मैं भारत सरकार की भी प्रशंसा करती हूं भारत सरकार ने बहुत ही मज़बूत योजना को लागू किया है यानी अग्निपथ योजना बहुत ही सटीक साबित होगी।
लेकिन जब सरकार वीर जवानों को अग्निपथ योजना में शामिल करना चाहती है।
तो उनके बचाव के लिए सरहदों पर दीवारें होनी अनिवार्य है।
सारे ही विधायक, सांसदों ,नेताओं को अपनी पेंशन को ज़ल्दी से ज़ल्दी खत्म कर देना चाहिए।
देश के रक्षक ही जब पेंशन खोर हो जाएंगे तो देश का क्या हाल होगा।
जितने भी लीडर है अपना स्वार्थ छोड़कर जनमानस जनकल्याण के हित में अपने कार्य करें।
और भारत को लेज़ी होने से बचाएं।
नीचे गिरने से बचाएं। टूटने से बचाएं।
भारतीय नागरिक जितना वक्त हिंदू मुस्लिम करने में लगा रहे हैं यदि इतना ही वक्त एक दूसरे को समझने में लगाएंगे तो भारत अनेकों फूलों का गुलशन बन जाएगा।
चारों ओर खुशबू ही खुशबू होगी।
हमारे क्रांतिकारी आंदोलनकारी अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आज़ाद करा कर गए हैं।
हकीक़त में उनकी आत्मा को तब जाकर शांति मिलेगी
जय हिंद जय संविधान जय शिक्षा जय वीर और वीरांगना जय भारत महान